नई दिल्ली। नोएडा में साइबर अपराधियों के झांसे में फंसकर एक रिटायर्ड मेजर जनरल अपना दो करोड़ रुपया गंवा बैठे। उन्होंने अब इस मामले में अब पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने बताया कि सेना के पूर्व मेजर जनरल को साइबर अपराधी धमका रहा था। उन्हें उनके नाम पर मादक पदार्थ समेत अन्य […]
नई दिल्ली। नोएडा में साइबर अपराधियों के झांसे में फंसकर एक रिटायर्ड मेजर जनरल अपना दो करोड़ रुपया गंवा बैठे। उन्होंने अब इस मामले में अब पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने बताया कि सेना के पूर्व मेजर जनरल को साइबर अपराधी धमका रहा था। उन्हें उनके नाम पर मादक पदार्थ समेत अन्य अवैध वस्तुएं विदेश भेजे जाने का भय दिखाया गया। डर दिखाकर उन्हें 5 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा।
बताया जा रहा है कि साइबर ठगों ने सीबीआई और मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर सोशल मीडिया के सहारे इस ठगी को अंजाम दिया। गिरफ्तार होने के डर से जनरल ने म्यूच्यूअल फंड्स और एफडी को तोड़कर दो करोड़ रुपये दी। जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो पुलिस के पास गए। साइबर क्राइम पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार गौतम ने जानकारी दी कि रिटायर्ड मेजर जनरल एन के धीर सेक्टर 31 में रहते हैं। 10 अगस्त को उन्हें एक फोन आया और खुद को डीएचएल कोरियर सेवा का कर्मी बताया। उसने एन के धीर से कहा कि उनके नाम पर मुंबई से ताइवान एक पार्सल बुक किया गया है। इसमें पांच पासपोर्ट, पांच बैंक के क्रेडिट कार्ड, कपड़े, 200 ग्राम एमडीएमए और एक लैपटॉप मिला है। सभी चीजें सीमा शुल्क विभाग, मुंबई के पास मौजूद है।
दोनों के बीच व्हाट्सऐप पर बात हुई। अपराधियों ने सीबीआई का एक पत्र भी उनसे साझा किया। कहा कि जेल जाने से बचना है तो उनके पास मौजूद सारी रकम बताये गए अकाउंट पर भेजना पड़ेगा। ठगों के पास उनके बैंक अकाउंट की सारी जानकरी उपलब्ध थी।
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