नई दिल्ली. सितंबर में खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी देखने को मिली है. दरअसल, खाने-पीने की चीज़ों के दाम बढ़ने के चलते सितंबर में खुदरा महंगाई दर 7.41 फीसदी पर पहुँच गई है. अगस्त से खुदरा महंगाई दर में 0.41 फीसदी की वृद्धि है. अगस्त में खुदरा महंगाई दर 7 परसेंट थी, अप्रैल के बाद अगस्त में खुदरा महंगाई सबसे ज्यादा बढ़ी थी, क्योंकि तब खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ गए थे.
सितंबर का महीना लगातार नौंवा महीना है जब महंगाई दर रिज़र्व बैंक के अनुमान से ज्यादा है, वहीं, हाल ही में विश्व बैंक ने भारत की ग्रोथ रेट के अनुमान को भी घटा दिया था. वहीं, आरबीआई ने महंगाई की दर (टोलरेंस रेट) को 6 परसेंट निर्धारित किया है, लेकिन पिछले कई महीने से यह दर 7 परसेंट के आसपास बनी हुई है. अभी हाल में रिजर्व बैंक ने इस दर को लेकर चिंता भी जाहिर की थी, बता दें, महंगाई के हिसाब से ही रिजर्व बैंक अपना रेपो रेट बढ़ाता है. अगर महंगाई यूं ही बढ़ती रही, तो रिजर्व बैंक को फिर से रेपो रेट बढ़ाना होगा. इससे लोन की ब्याज दरें महंगी होंगी और ईएमआई देना और महंगा हो जाएगा.
बुधवार को खुदरा महंगाई का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया गया. यह आंकड़ा कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी कि सीपीआई के आधार पर जारी किया गया है, इसके मुताबिक सितंबर में खुदरा महंगाई दर 7.41 परसेंट है. ठीक एक साल पहले सितंबर 2021 में यह दर 4.35 फीसदी थी, जबकि अगस्त में यह दर 7 परसेंट थी. इस महंगाई के पीछे खाद्य पदार्थों की कीमतों में इजाफा असली वजह बताई जा रही है, अब खाद्य पदार्थों के महंगे होने के चलते सितंबर में महंगाई दर बढ़कर 8.60 परसेंट हो गई है जबकि अगस्त में यह 7.62 परसेंट थी.
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