4 जून को जारी हुए रिजल्ट नीट के रिजल्ट छात्रों के लिए चिंता का सबब बनें हुए हैं. उनका मानना है कि NTA ने रिजल्ट में गड़बड़ी की है. देशभर के छात्र नीट परीक्षा में फ्रॉड को लेकर दोबारा एग्जाम करानें की मांग पर अड़े हुए हैं. अब इस एग्जाम को लेकर उच्च शिक्षा सचिव का बयान सामनें आया है, उनका कहना है कि ये एग्जाम पूरी तरह सुरक्षित माहौल में कराया गया है और किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.
नीट एग्जाम को लेकर उच्च शिक्षा सचिव ने जारी किया बयान
NEET मुद्दे पर उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति ने कहा, “हमारी समिति ने बैठक की और उन्होंने केंद्रों और सीसीटीवी के सभी फुटेज को देखा. उन्होंने पाया कि कुछ केंद्रों पर समय की बर्बादी हुई और छात्रों को इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए… समिति ने सोचा कि वे शिकायतों को दूर कर सकते हैं और छात्रों को मुआवजा दे सकते हैं. इसलिए कुछ छात्रों के अंक बढ़ाए गए. इसके कारण, कुछ छात्रों की चिंताएं सामने आईं क्योंकि कुछ उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक मिले और 6 उम्मीदवार टॉपर बन गए… हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया और परिणाम जारी किए. 4750 केंद्रों में से, यह समस्या 6 केंद्रों तक सीमित थी. और 24 लाख छात्रों में से केवल 1600 छात्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ा. पूरे देश में इस परीक्षा की शुचिता से समझौता नहीं किया गया. कोई पेपर लीक नहीं हुआ… पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही है.”
छात्रों का विरोध प्रदर्शन, कांग्रेस ने किया समर्थन
कानपुर में शुक्रवार, 7 जून को छात्रों ने जोरदार NTA के खिलाफ प्रदर्शन किया. छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान NTA और सरकार से जवाब मांगा है. और प्रदर्शन में छात्रों ने “NTA तेरी तानाशाही नहीं चलेगी नही चलेगी ” जैसे नारे भी लगाए. देश की विपक्षी पार्टियां भी अब छात्रों के समर्थन में आ रही हैं. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया. और कई ऐसी चीजें बताई जिससे लगता है कि नीट रिजल्ट में हेरफेर किया गया है. इससे पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी इन रिजल्ट्स की जांच की मांग कर चुकी हैं.
क्या हैं वो कारण जिससे लोगों को है हेरफेर की आशंका ?
1. इस बार के रिजल्ट में कुल 67 बच्चों ने प्रथम रैंक प्राप्त की है जबकि इससे पहले साल 2023 के नीट रिजल्ट में सिर्फ दो छात्रों की रैंक 1 आई थी.
2. साल 2022 में भी सिर्फ 4 बच्चों की रैंक 1 आई थी. लेकिन इसबार के रिजल्ट्स में ये नंबर लोगों की सोच से भी अधिक 67 तक पहुंच गया. जो कि अपनें आप बड़े सवाल खड़े करता है.
3. इन 67 टॉपर स्टूडेंट्स के बाद आने वाले अगले दो रैंक 68 और रैंक 69 हासिल करने वाले छात्र जिन्हें 720 के पूर्णांक में से 719 और 718 अंक मिले हैं. जो कि टेक्निकल रूप से संभव नही है क्योंकि नीट में हर सही उत्तर के 4 मार्क्स होते हैं और गलत होनें पर 1 मार्क टोटल मार्क्स से काटा जाता है. तो कोई छात्र यदि सभी प्रश्न सही करता है और एक प्रश्न गलत कर देता है तो उसके 715 नंबर आएंगे और वह एक प्रश्न को अटेंड ही करता है तो उसके 716 नंबर आ सकते हैं लेकिन इस छात्रों के 719 और 718 नंबर आना समझ से परे है.
4. NTA से इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि, ग्रेस मार्क्स के तौर पर उन्हें ये नंबर दिए गए हैं. जो कि संतोषजनक उत्तर नही है. इसके अलावा रैंक 62, 63, 64, 65, 66 और रैंक 67 ऐसे छात्र हैं जिन्होंने एक ही एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी, और वे टॉपर बनें हैं. इतने सारी खामियों के कारण नीट एग्जाम देने वाले बच्चे दोबारा एग्जाम को करानें की मांग पर अड़ गए हैं.
5. पहले नीट रिजल्ट जारी करनें की तारीख 14 जून थी लेकिन NTA ने अंतिम समय में इस तारीख को बदलकर 4 जून कर दिया. छात्रों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया कि देश में 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम भी आए थे, और इस शोर में नीट रिजल्ट में हुए हेरफेर की कोई बात सुनने वाला नहीं होगा. क्योंकि पूरे देश में उस वक्त चुनाव की चर्चा होगी.