नई दिल्ली: उमस वाले मौसम में सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ने का मुख्य कारण वातावरण में नमी का अत्यधिक होना है। जब वातावरण में नमी का स्तर बढ़ता है, तो हमारे शरीर की गर्मी और पसीने के माध्यम से शरीर का तापमान नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है। इससे खासकर उन लोगों के लिए […]
नई दिल्ली: उमस वाले मौसम में सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ने का मुख्य कारण वातावरण में नमी का अत्यधिक होना है। जब वातावरण में नमी का स्तर बढ़ता है, तो हमारे शरीर की गर्मी और पसीने के माध्यम से शरीर का तापमान नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है। इससे खासकर उन लोगों के लिए परेशानी बढ़ जाती है जो पहले से ही सांस संबंधी समस्याओं से ग्रसित हैं। आइए जानते हैं इसके प्रमुख कारण और बचाव के उपाय
1. वातावरण में नमी का स्तर: उमस के दौरान वातावरण में नमी अधिक होती है, जिससे हवा भारी हो जाती है और सांस लेने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में फेफड़ों को शुद्ध ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
2. वायु प्रदूषण: उमस के दौरान वायु में मौजूद हानिकारक कण और प्रदूषण फैलाने वाले तत्व लंबे समय तक वातावरण में बने रहते हैं। यह फेफड़ों को और अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो अस्थमा, सीओपीडी जैसी समस्याओं से पीड़ित होते हैं।
3. हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का खतरा: उमस भरे मौसम में अत्यधिक पसीना निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यह स्थिति शरीर को कमजोर बनाती है और फेफड़ों के कार्य पर असर डालती है।
4. अस्थमा के दौरे की संभावना: उमस और गर्मी अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है। वातावरण में नमी के कारण सांस की नली सिकुड़ने लगती हैं, जिससे अस्थमा के दौरे पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
1. ठंडी जगहों पर रहें: कोशिश करें कि उमस वाले मौसम में एयर कंडीशनर या पंखे वाले स्थान पर रहें, ताकि शरीर का तापमान सामान्य बना रहे और सांस लेने में दिक्कत न हो।
2. पानी का सेवन बढ़ाएं: शरीर में पानी की कमी न होने दें। अधिक से अधिक पानी पिएं, ताकि शरीर डिहाइड्रेशन से बचा रहे और फेफड़ों को सही ढंग से काम करने में मदद मिल सके।
3. हल्के कपड़े पहनें: सूती और हल्के कपड़े पहनें, जो शरीर को ठंडा रखें और पसीना जल्दी सूखने में मदद करें। इससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहेगा।
4. बाहर जाने से बचें: अत्यधिक उमस और गर्मी के समय बाहर जाने से बचें, खासकर जब सूरज की गर्मी अधिक हो। अगर बाहर जाना जरूरी हो तो अपने मुंह और नाक को कपड़े या मास्क से ढककर रखें, ताकि हानिकारक कण अंदर न जा सकें।
5. सांस की एक्सरसाइज करें: उमस वाले मौसम में अगर सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो नियमित रूप से गहरी सांस लेने वाली एक्सरसाइज करें। इससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ेगी और सांस लेने में आसानी होगी।
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