Resignation of Doctors in UP: मेडिकल अफसरों ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि 9 अगस्त को सहायक नोडल ऑफिसर/डिप्टी कलेक्टर ने प्रभारी चिकित्साधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए कोविड-19 के दौरान किये गए कार्यों को अपर्याप्त बताया है. मेडिकल अफसरों का आरोप है कि नोटिस भेजकर सभी प्रभारियों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है.
लखनऊ: राज्य में फैल रहे कोरोना संकट के बीच वाराणसी के 28 मेडिकल अफसरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. जानकारी के मुताबिक सभी मेडिकल अफसर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी हैं. मेडिकल अफसरों ने अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए सीएमओ डॉक्टर वीबी सिंह को इस्तीफा सौंप है. एक साथ इतने इस्तीफे की खबर ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया है. मेडिकल अफसरों को मनाने की लगातार कोशिशें हो रही हैं.
मेडिकल अफसरों ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि 9 अगस्त को सहायक नोडल ऑफिसर/डिप्टी कलेक्टर ने प्रभारी चिकित्साधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए कोविड-19 के दौरान किये गए कार्यों को अपर्याप्त बताया है. मेडिकल अफसरों का आरोप है कि नोटिस भेजकर सभी प्रभारियों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है. उनका ये भी आरोप है कि टारगेट पूरा न होने पर आपराधिक कृत करार देना और मुकदमा दायर करने की धमकी दी जा रही है जिसकी वजह से वो मानसिक दवाब में हैं.
मेडिकल अफसरों ने इस पत्र में एसीएमओ जंगबहादुर की मौत के लिये भी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि प्रशासन की ओर से एसीएमओ को बर्खास्त करने की धमकी दी गयी थी जिसके सदमें में एडिशनल सीएमओ की मौत हो गई. चिकित्साधिकारियों ने अपने पत्र में सवाल उठाया है कि इस मौत की ज़िम्मेदारी आखिर कौन लेगा? चिकित्सा अधिकारियों के सामूहिक इस्तीफे से वाराणसी से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है.
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