रिजर्व बैंक इंडिया की रिसर्च एंजेसी ने आधार कार्ड को लेकर नई रिपोर्ट जारी की है जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर साइबर अपराधी किसी भी तरह आधार कार्ड डेटा में सेंध लगा पाए तो इसका नतीजा बेहद खतरनाक हो सकता है.
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च एंजेसी ने आधार कार्ड को लेकर नई रिपोर्ट जारी की है जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर साइबर अपराधी किसी भी तरह आधार कार्ड डेटा में सेंध लगा पाए तो इसका नतीजा बेहद खतरनाक हो सकता है. आधार कार्ड रिपोर्ट में कहा गया है कि पैन कार्ड, मोबाइल फोन और बैंक खाते आधार से लिंक हो जाएगा तो साइबर अपराधियों को किसी वारदात को अंजाम देने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पडे़गी. उन्हें पूरे डाटा एक साथ एक जगह पर मिल जाएगा.रिपोर्ट के मुताबिक, आधार कार्ड डेटा में अगर सेंध लग जाती है तो उससे सरकार के कामकाज, प्रशासन, भारतीय उद्योग और बैंक अपराधियों के निशाने पर रहेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ साल पहले तक जिन बातों का ख्याल भी मन में नहीं आया था अब वह खतरा सामने मौजूद है.
वहीं रिसर्च ने आधार कार्ड के बड़े फायदों पर सवाल पैदा किए हैं जिसमें कहा गया इसमें कंज्यूमर को फायदे सीमित दायरे में है और गरीबो को इससे ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा. यह रिपोर्ट रिजर्व बैंक से जुड़े इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी यानी (IDRBT) में तैयार की गई है और इस रिपोर्ट का शीर्षक है ‘बायोमेट्रिक्स और भारत पर इसका असर’. रिपोर्ट के मुताबिक, आधार में सेंध का सबसे बड़ा खतरा है कि इसका सीधा असर देश की इकनॉमी और नागरिकों पर होगा. गौरतलब है कि रिसर्च में कई जरूरी सवाल उठाए गए हैं. दरअसल, इसमें एक कैग (CAG) की एक रिपोर्ट के बारे में बताया गया, जिसके अनुसार बीते वित्तीय साल 2016 और 2015 में सरकार ने एलपीजी में 22 हजार करोड़ रुपए बचत की बात कही थी वो सिर्फ इंमपोर्टेड एलपीजी के रेटों में भारी गिरावट की वजह से हुई थी.
कैग के मुताबिक, सरकार को आधार की वजह से 2 हजार करोड़ रुपयों से भी कम की बचत हुई थी. इसके साथ ही रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि आधार के लिए लोगों का जो बॉयमेट्रिक डेटा लिया गया है उसकी गुण भी संदिग्ध हैं. दरअसल, आजकल पैसों के लेनदेन में प्राइवेट बैंकिंग सर्विस और कई सर्विस प्रोवाइडर शामिल हैं ऐसे में अगर डाटा लीक हो जाता है तो लोगों की आर्थिक गोपनीयता के साथ धोखा होगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में आधार लिंक की समय सीमा 31 मार्च तक किए जाने के निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है. बता दें कि बीते दिनों अखबार ‘दा ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें बताया गया था कि महज 500 रुपए में आधार कार्ड का डाटा लीक किया जा रहा है. हालांकि, यूआईडीएआई ने इस रिपोर्ट को लेकर ‘दा ट्रिब्यून’ और तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
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