लखनऊ. नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही निचली अदालतों में जजों की नियुक्ति के लिए आरक्षण दे सकती है. इस मामले में नरेंद्र मोदी सरकार अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के पक्ष में है. इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग की प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा सकती है जिसके बाद न्यायिक सेवा में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है.’
रविशंकर प्रसाद लखनऊ में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के कार्यक्रम में शामिल हुए. वहां उन्होंने अदालतों में इन जातियों को मौका देने के विचार से ये बात कही. बता दें कि पहले से ही निचली अदालतों में प्रवेश के लिए परीक्षा आधारित अखिल भारतीय न्यायिक सेवा बनाने के ममाले पर विवाद हुआ है. वहीं रविशंकर प्रसाद ने इसमें अन्य पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के बारे में बात नहीं की. रविशंकर का मानना है कि इस परीक्षा के जरिए कानून की पढ़ाई कर रहे बच्चों को भी जज पद के लिए आवेदल करने का मौका मिलेगा.
वहीं रविशंकर प्रसाद ने अपने बयान को साफ तौर पर बताते हुए कहा, ‘आने वाले समय में न्यायिक सेवाओं की प्रवेश परीक्षा सिविल सेवाओं की तर्ज पर यूपीएससी द्वारा हो सकती है. इसमें एससी और एसटी के लिए आरक्षण होगा. इस परीक्षा के बाद चुने गए उम्मीदवारों को राज्यों में भेजा जा सकता है. वहीं आरक्षण के तहत उन लोगों को भी मौका मिलेगा जो अनुसूचित जाति-जनजाति से आते हैं.’
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