नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू ने देशवासियों के नाम संबोधन किया। उन्होंने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों नमस्कार, 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं आप सभी को शुभकामनाएं देती हूं। जब मैं पिछे मुड़कर देखती हूं तो पता चलता है कि विपरीत परिस्थियों के बावजूद हमने कितनी […]
नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू ने देशवासियों के नाम संबोधन किया। उन्होंने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों नमस्कार, 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं आप सभी को शुभकामनाएं देती हूं। जब मैं पिछे मुड़कर देखती हूं तो पता चलता है कि विपरीत परिस्थियों के बावजूद हमने कितनी लंबी यात्रा तय की है। तब मेरा हृदय गर्व से भर जाता है। हमारे गणतंत्र का 75वां वर्ष, कई अर्थों में, देश की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं यह उल्लेख करना चाहूंगी कि सामाजिक न्याय के लिए अनवरत युद्धरत रहे, कर्पूरी ठाकुर जी की जन्म शताब्दी का उत्सव कल ही संपन्न हुआ है। कर्पूरी जी पिछड़े वर्गों के सबसे बड़े पक्षकारों में से एक थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन उनके कल्याण के लिए न्योछावर कर दिया था। उनका जीवन एक संदेश था। अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए, मैं कर्पूरी ठाकुर को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस सप्ताह के आरंभ में हम सबने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर निर्मित भव्य मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक समारोह देखा। भविष्य में जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा, तब इतिहासकार, भारत द्वारा अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर खोज में युगांतरकारी आयोजन के रूप में इसको याद किया जाएगा। उचित न्यायिक प्रक्रिया और देश के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हुआ। अब यह एक भव्य संरचना के रूप में शोभायमान है।
ये भी पढ़ेः