Republic Day: जानिए 26 जनवरी को क्यों मनाया जाता है भारतीय गणतंत्र दिवस

नई दिल्ली। 26 जनवरी का दिन देश के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। 26 जनवरी के दिन हमारे देश में भारत का संविधान लागू हुआ था। आपको ये जानकर हैरानी होगी हमारे देश के संविधान को 26 नवंबर 1949 को लिखकर तैयार कर दिया गया था। लेकिन उसके बाद भी आखिर हम लोग 26 जनवरी […]

Advertisement
Republic Day: जानिए 26 जनवरी को क्यों मनाया जाता है भारतीय गणतंत्र दिवस

Vikas Rana

  • January 26, 2023 9:39 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। 26 जनवरी का दिन देश के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। 26 जनवरी के दिन हमारे देश में भारत का संविधान लागू हुआ था। आपको ये जानकर हैरानी होगी हमारे देश के संविधान को 26 नवंबर 1949 को लिखकर तैयार कर दिया गया था। लेकिन उसके बाद भी आखिर हम लोग 26 जनवरी को ही क्यों गणतंत्र दिवस मनाते हैं ? इसकी जानकारी के लिए आपको भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में 1920- 1930 के कालक्रम में जाना पड़ेगा। आइए आपको हम बताते है इस तारीख का महत्व –

1920 में क्या हुआ था ?

1920 चौरी-चौरा के कांड के बाद देश में असहयोग आंदोलन को खत्म कर दिया गया। चौरी-चौरा कांड के बाद महात्मा गांधी ने महसूस किया था कि विरोध के उनके अहिंसक तरीकों के लिए देश के लोग अभी तैयार नहीं हुए है। इस प्रकार 1920 के दशक में असहयोग आंदोलन और रौलेट विरोधी सत्याग्रह के दौरान देखे गए लक्ष्यों पर अधिक लामबंदी नहीं देखी गई ।

1920 का दशक काफी महत्वपूर्ण इसलिए भी था क्योंकि इस दौरान भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के उदय से लेकर नेहरू, बोस और वल्लभाई पटेल जैसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं की नई पीढ़ी आ चुकी थी। 1920 के काल ने भारत के लिए एक नए स्वतंत्रता संग्राम के भविष्य के लिए जमीन को तैयार कर दिया था।

वही 1927 में ब्रिटिश अधिकारियों ने भारत में राजनीतिक सुधारों पर विचार- विमर्श करने के लिए सर जॉन साइमन के नेतृत्व में साइमीन कमीशन की नियुक्ति की। लेकिन कमीशन के विरोध में पूरे देश में आक्रोश और असंतोष की लहर दौड़ गई। 1922 के बाद पहली बार पूरे देश में “साइमन गो बैक” के नारे भी लगाए गए साथ ही साइमन कमीशन के खिलाफ पूरा देश एकजुट हुआ। इसी दौरा में कांग्रेस अपने देश की आजादी के लिए एक प्रस्ताव लेकर आई जिसमें पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी।

1930 का काल 

साइमीन कमीशन के विरोध में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मोतीलाल नेहरू के अधीन अपना आयोग नियुक्त किया गया। इसी दौरान जारी की गई नेहरू रिपोर्ट ने भारत को साम्राज्य के भीतर प्रभुत्व का दर्जा दिए जाने की मांग के अलावा  कांग्रेस ने स्वतंत्रता की आधिकारिक घोषणा 26 जनवरी, 1930 को की। इसके अलावा कांग्रेस के नेताओं ने उस दिन सभी भारतीयों से घरों से बाहर आने और “आजादी” मनाने का आग्रह भी किया था।

26 जनवरी 1930 के दिन कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा देश भर में भारतीय तिरंगा फहराया गया और देशभक्ति के गीत गाए गए, क्योंकि देश ने आजादी के लिए पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव लागू हुआ था। 1930 से लेकर 1947 में भारत को अंतत अपनी स्वतंत्रता हासिल करने तक 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस या पूर्ण स्वराज दिवस के रूप में मनाया गया था।

Advertisement