नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस(26 जनवरी) की तैयारियां जोरो शोरों से चल रही हैं। इस दिन जहां लाल वर्दी और सिर पर टोपी पहने लोग राजसी घोड़ों पर सवार होंगे और इस दिन राष्ट्रपति भी आधुनिक पालकी को छोड़कर घोड़ों द्वारा खींची जाने वाली बग्गी में सवार होंगी। वहीं 75वें गणतंत्र दिवस की परेड में पिछले […]
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस(26 जनवरी) की तैयारियां जोरो शोरों से चल रही हैं। इस दिन जहां लाल वर्दी और सिर पर टोपी पहने लोग राजसी घोड़ों पर सवार होंगे और इस दिन राष्ट्रपति भी आधुनिक पालकी को छोड़कर घोड़ों द्वारा खींची जाने वाली बग्गी में सवार होंगी। वहीं 75वें गणतंत्र दिवस की परेड में पिछले कई दशकों से चली आ रही परंपरा फिर हमारे समाने होगी। इस दौरान क्या आप यह बात जानते हैं कि राष्ट्रपति की सवारी में शामिल होने वाले घोड़े भी विशेष तरह की होते हैं। यहां तक कि उनका कलर, उनके(Republic Day) कपड़े और उनका वजन सबकुछ पहले से तय होता है।
जानकारी दे दें कि राष्ट्रपति की सवारी में शामिल होने वाले घोड़ों के वजन, उनके कलर, उनकी लंबाई, उनके कपड़ों के कलर, वजन तक सबकुछ एक जैसा ही रखा जाता है। इस दौरान सवारी में शामिल होने वाले घोड़ों का वजन लगभग 500 किलो होता है और उनकी लंबाई लगभग 150 सेंटीमीटर की होती है। इन सब के अलावा घोड़ों का कलर बे, डार्क बे और ग्रे होने चाहिए।
बता दें कि गणतंंत्र दिवस की परेड में 55 घोड़े शामिल(Republic Day) होंंगे और 6 घोड़े राष्ट्रपति की बग्गी खीचेंगे। वहीं दो घोड़े कमांडिंग ऑफिसर के साथ होंगे। गणतंत्र दिवस की परेड मेें इस तरह ये घोड़े मुख्य भूमिका निभाएंगे।
दरअसल, घोड़ों का प्रजनन सेना के रिमाउंट और पशु चिकित्सा कोर डिपो में किया जाता है। घोडों जब तीन साल के हो जाते हैं, तो उन्हें प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया जाता है। इस दौरान उन घोड़ों को गाड़ियों के हॉर्न, गोलियों की आवाज और कई अन्य चीजों की आदत डाली जाती है। इस दौरान एक घोड़े को सालों की मेहनत से तैयार किया जाता है।