नई दिल्ली. Republic Day Bengal Tableau राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को गणत्रंत दिवस के अवसर पर सभी राज्यों की एक के बाद एक झाकियां दिखाए जाती है, जिसमें राज्य से जुड़ीं कला, खान-पान, लोकगीत, नृत्य और रीती-रिवाज को लोगों तक झांकी के माध्यम से पहुंचाया जाता है. लेकिन इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आने वाले 73 वें गणत्रत समारोह में बंगाल की झांकी को नहीं दिखाए जाने पर आपत्ति जाहिर की है और इस सबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने केंद्र सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है.
ख़बरों के मुताबिक इस बार गणत्रंत दिवस की थीम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ है और ममता सरकार इस बार विशेष झांकी को देशभर के सामने रखने जा रही थी. उन्होंने पीएम को पत्र में कहा कि वे फैसले से दुखी और मर्माहत है. ममता बनर्जी ने कहा कि प्रस्तावित झांकी में सुभाष चंद्र बोस और एनआईए की 125वीं जयंती के अवसर पर बंगाल टैबलो के द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों, बंगाल के क्रांतिकारियों, खासकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भूमिका को उजगार और देश को बताने जा रहे थे, लेकिन झांकी को बिना बताए रद्द करना सही नहीं है.
ममता बनर्जी ने लिखा कि पस्चिम बंगाल के लोग केंद्र सरकार के फैसले से दुखी है. बंगाल के लोगों ने भारत की स्वंत्रता में अहम भूमिका निभाए थी, लेकिन झांकी को रद्द करना देश और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए बहुत ही पीड़ाजनक है. स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्वत्रंता सेनानियों को स्थान ना मिलना गलत है और हम इस बात का विरोध करते है.
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