September 17, 2024
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Republic Day 2024: जानें आजादी के बाद 29 महीने बिना संविधान कैसे चला देश

  • WRITTEN BY: Tuba Khan
  • LAST UPDATED : January 26, 2024, 10:17 am IST

नई दिल्लीः वर्ष 1947 में जब देश आजाद हुआ तो उसके पास अपना खुद का संविधान नहीं था और संविधान बनाने के लिए वक्त की जरूरत थी क्योंकि एक दिन में इसे बनाना संभव नहीं था। उसके बाद इससे बनाने के लिए संविधान सभा का गठन किया गया। 29 महीनों तक देश कैसे बिना संविधान के चला था आज इस रोचक तथ्य के बारे में हम बात करेंगे।

29 महीने कैसे चला देश?

1947 में जब देश आजाद हुआ तो उसके पास अपना खुद का संविधान नहीं था और संविधान बनाने के लिए वक्त की जरूरत थी, क्योंकि एक दिन में इसे बनाना संभव नहीं था। फिर इससे बनाने के लिए संविधान सभा का गठन किया गया।

देश चलाने के लिए लिया गया था ये निर्णय

वहीं संविधान बनने तक देश को चलाने के लिए इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट-1947 को प्रभाव में लिया गया। इसके अंदर गवर्मेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 को लाया गया, जो ब्रिटिश संसद में पारित हुआ था। जब तक संविधान नहीं बनता तब तक इसको इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है। इसे सबसे बड़े कानूनी दस्तावेजों के रूप में से एक माना जाता है।

संविधान बनने में लगे थे दौ वर्ष

संविधान सभा के गठन के बाद इसने 9 दिसंबर 1947 में कार्य करना शुरू किया। भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों को इसका सदस्य बनाया गया। देश के प्रथम PM जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर और मौलाना अबुल कलाम आजाद इस सभा के सदस्य में शामिल थे।

राजेंद्र प्रसाद को इस सभा का सभापति बनाया गया था, वहीं बाबासाहब भीमराव अबेडकर को ड्राफ्ट कमेटी का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया था। संविधान सभा ने 2 वर्ष से अधिक का वक्त लेकर कई बैठकें कर आखिरकार संविधान का निर्माण किया। जानकारी के लिए बता दें की इस संविधान सभा की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए आम लोगों के साथ प्रेस के लोगों को भी शामिल होने की छूट दी गई थी।

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