नई दिल्ली। पूरे देश में आज 75वां गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा है। इस समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों हैं। 26 जनवरी वो दिन है जब देश ने संविधान को अपनाया था। हर बार की तरह इस बार भी समारोह के लिए खास तैयारियां की गई हैं। आइए जानते हैं कि इन 75 सालें में क्या-क्या बदला? 26 को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?
आज की तरह गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्य पथ पर नहीं बल्कि सबसे पहली परेड इरविन एम्पिथिएटर, जिसे आज मेजर ध्यानचंद स्टेडियम के नाम से जाना जाता है, में हुआ था। इस परेड में लगभग 3 हजार लोग और 100 एयरक्राफ्ट्स शामिल हुए थे। इसके बाद के वर्षों में रामलीला मैदान, इरविन स्टेडियम और लाल किले पर गणतंत्र दिवस की परेड की जाती थी। राजपथ पर सबसे पहली बार 1955 में परेड हुई थी, जिसमें पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद चीफ गेस्ट थे। इसके बाद से हर वर्ष गणतंत्र दिवस, राजपथ, जिसे आज कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाता है, पर मनाया जाने लगा।
दिसंबर 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में ऐतिहासिक ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया था। इसी कड़ी में 26 जनवरी 1930 को पहली बार देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। आजादी मिलने के बाद 15 अगस्त 1947 को अधिकारिक रूप से स्वतंत्रता दिवस बन गया। 26 जनवरी की तारीख के महत्व के लिए इसी दिन साल 1950 में देश का संविधान लागू किया गया, इसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।
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