नई दिल्लीः हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था और हमारे पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र पसाद ने राष्ट्रपति पद पर शपथ ली थी। पूरा देश इस दिन पूरे हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाता है। लेकिन सबसे पहला गणतंत्र दिवस इससे काफी अलग तरीके से मनाया गया था। जानें कैसे सबसे पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया था।
भारत 15 अगस्त, 1947 में स्वतंत्र हुआ था, लेकिन 26 जनवरी 1950 से पहले तक, वह गणराज्य नहीं बन सका था। देश को ब्रिटिश कानून से मुक्त करने और कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए 9 दिसंबर 1946, में एक संविधान सभा का गठन किया, जिसके हिस्से देश के संविधान का खाका तैयार करने की जिम्मेदारी आई। संविधान सभा के अध्यक्ष बने डॉ. भीम राव अंबेडकर, जो भारतीय संविधान के पिता कहलाए जाते हैं। इनके नेतृत्व में 26 नवंबर1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया था। इस दिन भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भी राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसलिए हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप मनाया जाता है।
आज की तरह गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्य पथ पर नहीं बल्कि सबसे पहली परेड इरविन एम्पिथिएटर, जिसे आज मेजर ध्यानचंद स्टेडियम के नाम से जाना जाता है, में हुआ था। इस परेड में लगभग 3 हजार लोग और 100 एयरक्राफ्ट्स शामिल हुए थे। इसके बाद के वर्षों में रामलीला मैदान, इरविन स्टेडियम और लाल किले पर गणतंत्र दिवस की परेड की जाती थी। राजपथ पर सबसे पहली बार 1955 में परेड हुई थी, जिसमें पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद चीफ गेस्ट थे। इसके बाद से हर वर्ष गणतंत्र दिवस, राजपथ, जिसे आज कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाता है, पर मनाया जाने लगा।
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