163 साल पुराना फेयरी क्वीन इंजन देश की शान है. 1998 में इसे दुनिया के सबसे पुराने ऐक्टिव स्टीम इंजन के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था. 1855 से यह पटरी पर दौड़ रहा है. 88 साल थमने के बाद 1977 में दिल्ली से अलवर के लिए फिर इसे चलाया गया.
नई दिल्ली. देश के 69वें गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर-पूर्व रेलवे दुनिया के सबसे पुराने रेल इंजन ‘फेयरी क्वीन’ को फिर से पटरियों पर उतार रहा है. ये रेल इंजन 163 साल पुराना है. जिसका नाम दुनिया के सबसे पुराने इंजन के रुप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर रेलवे 69 अप गणराज्य एक्सप्रेस को चलाने जा रहा है. इस एक्सप्रेस का हेरिटज रन सिर्फ चुनिंदा लोगों के लिए ही है, जोकि नई दिल्ली से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन तक होगा. इसका कॉमर्शियल रन दिल्ली कैंट से रेवाड़ी होता है वो जारी रहेगा अब इसका नाम गणराज्य एक्सप्रेस रख दिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस एक्सप्रेस के पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचने पर लॉन में गणतंत्र दिवस के मौके पर गुब्बारे छोड़े जाएंगे. फेयरी क्वीन का कमर्शियल रन कल यानी शनिवार को सुबह 9 बजे दिल्ली कैंट से रेवाड़ी के बीच होगा. इसके लिए पैसेंजर irctc की वेबसाइट पर टिकट की बुकिंग करवा सकते हैं. कोयले से चलने वाला फेयरी क्वीन इंजन 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलता है. गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली स्टेशन पर इंडियन रेलवे हैरिटेज और गतिमान लॉज का शुभारंभ भी किया जाएगा.
बता दें कि 1855 में इंग्लैंड में बनाए गए भाप इंजन फेयरी क्वीन ने भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी के बाद का सारा समय देखा है. फेयरी क्वीन ने गिनीज बुक में वर्ल्ड रिकॉर्ड के तौर पर फेयरी क्वीन ने सबसे पुराने वर्किंग इंजन के तौर पर अपना नाम दर्ज करा रखा है. 2012 में फेयरी क्वीन में आई खराबी के बाद इसको पटरियों से हटा लिया गया था. अब इसे फिर से पटरियों पर उतारा जा रहा है.
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