त्रिपुरा में पिछले 25 साल से लेफ्ट की सरकार है. आज त्रिपुरा में विधासभा चुनाव हो रहे हैं. इससे पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव का मामला सामने आया था.
अगरतला. त्रिपुरा में बीजेपी समर्थक मुस्लिमों के साथ भेदभाव का मामला सामने आया है. मामला दक्षिणी त्रिपुरा का है जहां 25 मुस्लिम परिवारों को भाजपा का समर्थन करने के कारण मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ने दी गई जिसके चलते इन लोगों को अपनी अलग मस्जिद बनानी पड़ी. त्रिपुरा में आज विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. यहां पिछले 25 साल से लगातार वामदल सीपीआईएम की सरकार है. माणिक सरकार 20 साल से राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
त्रिपुरा में शांतिनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव मोईदातिला के 100 परिवारों में करीब 83 मुस्लिम परिवार हैं. इनमें से 25 परिवारों ने इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया. इन परिवारों का कहना है कि वे बीजेपी कार्यकर्ता हैं, जिसके कारण उन्हें अलग मस्जिद बनानी पड़ी. इस गांव में अब दो मस्जिदें हो गई हैं.
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी गांव के रहने वाले बाबुल हुसैन ने बताया कि हम 16 महीने पहले भाजपा में शामिल हुए थे. इसपर हमसे कहा गया कि जब तक हम हिंदूवादी पार्टी का समर्थन करेंगे, हम गांव की मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ सकते. जिसके चलते इन लोगों ने पक्की के बजाय टीन की मस्जिद बनाई है. इस मस्जिद की छत बांस की बनाई है. इतना ही नहीं, मस्जिद के लिए अलग इमाम भी नियुक्त किए गया है, जिन्हें 25 परिवारों की मदद से मासिक सैलरी भी दी जाती है.
हुसैन ने आगे कहा कि हम नहीं जानते कि भाजपा हिंदुवादी पार्टी है. हुसैन ने बीजेपी पर मुस्लिमों के हमलों से अनभिज्ञता जताते हुए कहा, ‘मुझे विश्वास नहीं कि इस पार्टी के लोग देश में मुस्लिमों पर हमले में शामिल हैं. ये बस कांग्रेस और सीपीएम कह रही है. यदि मुस्लिमों को मारा गया है तो उन्होंने जरूर कुछ गलत किया होगा. क्यों कोई किसी अच्छे इंसान पर हमला करेगा?’ हुसैन इससे पहले कांग्रेसी रहे है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस खत्म हो चुकी है, पार्टी का सफाया हो चुका है. लेकिन हम चाहते हैं कि सूबे से ये सरकार जाए. इसके अलावा हुसैन ने लेफ्ट सरकार पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी से पानी और उर्वरक मिलने की उम्मीद जताई.
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