पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और कांग्रेस व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एक किस्से को हमेशा याद किया जाता है. जब एक बार सदन में इंदिरा गांधी ने वायपेयी जी को चुनौति देते हुए कहा था कि वह जनसंघ को 5 मिनट में मिटा देंगी. तब अटल जी के जवाब को सुन पूरा सदन चौंक गया था.
नई दिल्ली. दिल्ली के एम्स में पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने अंतिम सांसे ली. अटल जी को उनके दमदार भाषणों और कविताओं के लिए भी जाना जाता है. ऐसा व्यक्तित्व जिसकी विपक्ष भी प्रशंसा करते नहीं थकता था. अटल जी की जिंदगी से जुड़े दिलचस्प किस्से की बात करें तो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े एक वाकये का जिक्र जरूर किया जाता है.
एक बार सदन में कांग्रेस व पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी को चुनौति देते हुए कहा था कि वह जनसंघ जैसे संगठन को वह 5 मिनट में उखाड़ कर फेंक देंगी. जिसके बाद सदन में अटल जी ने तल्लीनता से कहा कि पहली बात यह है कि किसी प्रधानमंत्री की यह कैसी भाषा? मैं पूछना चाहता हूं कि क्या इसे लोकतांत्रिक कहा जा सकता है क्या?
वहीं रही बात जनसंघ से निपटने की तो मैं कहना चाहता हूं कि जो वह पांच मिनट में अपने बाल नहीं संवार सकतीं तो वह जनसंघ से कैसे निपट सकती हैं. अटल बिहारी वाजपेयी जी के इस किस्से को आज भी जानकार खूब याद करते हैं. अटलजी के मशहूर भाषणों व वक्ताओं में से यह जवाब भी काफी मशहूर है. जैसे कि वाजपेयी जी की आदत थी कि वह अपनी सख्त से सख्त बात को भी सही व उचित शब्दों में पिरोकर कहते थे.
जब अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था- मैं तो दूसरों के दलदल में अपना कमल खिलाता हूं