अटल बिहारी वाजपेयी प्रोफाइल: संघ प्रचारक से लेकर देश का प्रधानमंत्री बनने तक ऐसा था वाजपेयी का सफर

Atal bihari vajpayee Profile: देश के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी लंबी बीमारी के चलते दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया है. अटल बिहारी वायपेयी प्रोफाइल की बात करें तो उन्होंने अपना राजनीतक करियर भारतीय जन संघ के साथ जुड़कर किया. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी जुड़े थे. साल 1947 में वे संघ प्रचारक बन गए.

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अटल बिहारी वाजपेयी प्रोफाइल: संघ प्रचारक से लेकर देश का प्रधानमंत्री बनने तक ऐसा था वाजपेयी का सफर

Aanchal Pandey

  • August 16, 2018 7:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लंबी बीमारी के चलते आज दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया है. पूरे देश में शोक की लहर डूब चुकी है. बीजेपी के प्रतिष्ठित नेता अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेता एम्स में मौजूद है.

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर साल 1924 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था. अटल जी के पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी शिक्षक होने के साथ एक कवि भी थे. इनकी शुरुआती पढ़ाई ग्वालियर में हुई थी. जिसके बाद इन्होंने कानपुर के एंग्लो-वैदिक कॉलेज से वाजपेयी ने राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की. अटल जी साल 1939 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे. साल 1947 में वे संघ प्रचारक बन गए.

अटल बिहारी वाजपेयी ने एक स्वंतत्रता संग्राम सेनानी के तौर पर करियर शुरू किया था. जिसके बाद वे भारतीय जन संघ (बीजेएस) से जुड़ गए. वाजपेयी ने बीजेएस के नए नेता के तौर पर 1957 में बलरामपुर से लोक सभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 1968 में जन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. 1975 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के एमरजेंसी लगाने के विरोध में अटल जी जय प्रकाश नारायण के आंदोलन का हिस्सा बने थे. 1977 में जन संघ का जनता पार्टी में विलय कर दिया गया

1977 में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में वाजपेयी केंद्रीय मंत्री बने. इन्हें विदेश मंत्रलाय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. हालांकि साल 1979 में मोराजी देसाई के इस्तीफे के बाद अटल जी का मंत्री पद भी चला गया. 1980 में अटल जी ने लाल कृष्ण आडवाणी, भैरो सिंह शेखावत और बीजेएस के कुछ नेताओं के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया. वाजपेयी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार का कभी भी समर्थन नहीं किया था.

साल 1996 के आम चुनावों के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के 10वें प्रधान मंत्री के तौर पर शपथ ली. उस दौरान लोक सभा चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. हालांकि, इनके नेतत्व की सराकर सिर्फ 13 दिन ही चल सकी थी. इस तरह अटल जी भारत के सबसे कम अवधि के प्रधान मंत्री बने थे. जिसके बाद वाजपेयी ने साल 1998 में फिर से देश के प्रधानमंत्री की शपथ ली. इनके दूसरे कार्यकाल के दौरान ही पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया गया था.

हालांकि, इस बार भी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सिर्फ 13 महीने ही चल सकी. साल 1999 के बीच में एआईएडीएमके ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. वहीं इसी साल हुए आम चुनावों में एनडीए पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटा. जिसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1999 से लेकर 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे. 2004 चुनावों में एनडीए का पतन हो गया. यूपीए विपक्ष में आया तो वाजपेयी जी ने विपक्ष नेता के पद लेने से मना कर दिया. जिसके बाद भाजपा का नेतृत्व लालकृष्ण आडवाणी के हाथों में आ गया.

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