नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. शाम 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे. वोटिंग के बाद एग्जिट पोल के नतीजे आने स्टार्ट हो जाएंगे. हरियाणा के साथ-साथ आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भी भविष्यवाणी होगी. जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में वोटिंग हुई. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव […]
नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. शाम 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे. वोटिंग के बाद एग्जिट पोल के नतीजे आने स्टार्ट हो जाएंगे. हरियाणा के साथ-साथ आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भी भविष्यवाणी होगी. जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में वोटिंग हुई. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएंगे. लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल के जरिए अनुमान सामने आएंगे. क्या हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक होगी या फिर कांग्रेस की वापसी, जम्मू-कश्मीर में किसका राज होगा, अब सबकी नजरें एग्जिट पोल के नतीजों पर टिकी हैं.
एग्जिट पोल एक प्रकार का चुनावी सर्वेक्षण है जो मतदान के दिन किया जाता है. इसमें वोट देने निकले मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट दिया है. इस तरीके से प्राप्त आंकड़ों का एनालिसिस करके यह अनुमान लगाया जाता है कि चुनाव परिणाम क्या होंगे. भारत में चुनाव आयोग ने मतदान के दिन एग्जिट पोल के नतीजों के प्रसारण पर रोक लगा दी है. यह प्रतिबंध मतदान के बाद प्रसारित होने वाले एग्ज़िट पोल पर लागू नहीं होता है.
वोट देने के बाद मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट दिया है. इस तरह से आंकड़ा का एनालिसिस करके यह अनुमान लगाया जाता है कि चुनाव परिणाम क्या होंगे. उदाहरण के लिए, यदि किसी चुनाव में दो चरण होते हैं, तो एग्जिट पोल आमतौर पर दूसरे चरण के बाद जारी किया जाता है. कभी- कभी कुछ मामलों में एग्जिट पोल पहले चरण के वोटिंग के बाद भी जारी हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, यदि किसी चुनाव में दो चरण होते हैं और पहले चरण में मतदान बहुत कम होता है, तो एग्जिट पोल के नतीजे दूसरे चरण के नतीजे की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकते हैं.
ये चुनाव एग्जिट पोल ज्यादातर अलग-अलग निजी एजेंसियों या टीवी चैनलों द्वारा आयोजित किए जाते हैं। एग्ज़िट पोल भी ऑनलाइन या व्यक्तिगत रूप से आयोजित किए जाते हैं. अब फोन कॉल करके भी डेटा इकट्ठा किया जाता है.विभिन्न एजेंसियां और टीवी चैनल एग्जिट पोल के लिए अलग-अलग नमूना आकार और प्रक्रियाओं का उपयोग करते हैं। कभी प्रतिनिधि बूथ पर जाकर मतदाताओं से पूछकर आंकड़े जुटाते हैं तो कभी मतदाताओं को फोन कर उनकी राय ली जाती है.
भारत में एग्ज़िट पोल की शुरुआत 1996 में हुई थी. यह सेंटर फ़ॉर द स्टडी ऑफ़ डेवलपिंग सोसाइटीज़ (CSDS) द्वारा किया गया था.इस एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी. असल में बीजेपी चुनाव जीत गई, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों ने चुनाव नतीजों को प्रभावित किया. इसके बाद भारत में एग्जिट पोल का चलन बढ़ गया. 1998 में पहली बार एक निजी समाचार चैनल ने एग्जिट पोल प्रसारित किया. आजकल भारत में कई एग्जिट पोल होते हैं, जो अलग-अलग एजेंसियों द्वारा कराए जाते हैं।
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