नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केंद्र सरकार के बीच चल रही तनातनी के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विंग स्वदेशी जागरण मंच का सरकार के पक्ष में बयान आया है. स्वदेशी जागरण मंच के अध्यक्ष अश्विनी महाजन ने कहा है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल या तो सरकार के साथ मिलकर काम करें या मन ना मिले तो पद छोड़ दें. स्वदेशी जागरण मंच संघ की वो विंग है जो देश और दुनिया के आर्थिक मामलों पर काम करती है.
अश्विनी महाजन ने बुधवार को कहा किआरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को अपने अफसरों को भी सार्वजनिक रूप से मतभेद उजागर करने से रोकना चाहिए. अगर वे अनुशासन में नहीं रहना चाहते तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए. सीबीआई विवाद के बाद मोदी सरकार पर आरबीआई में हस्तक्षेप करने के आरोप लगे थे. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आचार्य विरल ने कहा था कि सरकार को रिजर्व बैंक के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए नहीं तो मार्केट का कोपभाजन सरकार को ही बनना पड़ता है. आचार्य विरल के इस बयान के बाद रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच तनातनी की खबरों को हवा मिली थी.
बुधवार को अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार आरबीआई एक्ट 1934 के सेक्शन 7 का इस्तेमाल कर सकती है जिसके तहत आरबीआई को सरकार से सलाह करना पड़ेगा. यह धारा अभी तक किसी सरकार ने एक बार भी इस्तेमाल नहीं की है. खबरें ये भी थीं कि अगर सरकार ने आर्टिकल 7 का इस्तेमाल किया तो आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं.
सरकारी सूत्रों का कहना है कि आर्थिक मामलों पर आरबीआई गवर्नर सरकार की कुछ नहीं सुन रहे हैं. सरकार के सामने मार्केट में पैसा का फ्लो यानी लिक्विडिटी बढ़ाने, आर्थिक विकास को तेज करने और बैंकों व कारोबारियों पर दबाव कम करने की चुनौती है. उर्जित पटेल सरकार की कई सिफारिशों को दरकिनार कर चुके हैं जिससे रिजर्व बैंक और सरकार के बीच तनातनी है.
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