नई दिल्ली। केन्द्रीय बैंक ने पेमेंट गेटवे सर्विस प्रोवाइडर मास्टरकार्ड (Mastercard) को बड़ी राहत दी है। मास्टरकार्ड पर लगे 11 महीने पुराने प्रतिबंध हटा दिया गया है। अब कंपनी नये ग्राहकों को जोड़ सकती है और उनको नए कार्ड दे सकती है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने 12 जुलाई 2021 को मास्टरकार्ड पर कुछ कड़े प्रतिबन्ध लगा दिये थे। जिसके तहत मास्टरकार्ड पर नए कार्ड बनाने पर रोक लग गयी थी
रिजर्व बैंक की तरफ से डाटा स्टोरेज के नियम को नहीं मानने के कारण कंपनी पर नए कार्ड बनाने पर रोक लगा दी गयी थी। हालांकि पुराने ग्राहकों पर इसका कोई प्रभाव नही था। दरअसल स्टोरेज नियमों के मुताबिक भारतीय ग्राहकों से जुड़े डाटा का स्टोरेज भारत में ही रखना था पर कंपनी ऐसा नहीं कर रही थी और वो भारतीय ग्राहकों से जुड़े स्टोरेज को बाहर रख रही थी।
गौरतलब है कि अप्रैल 2018 में जियोपॉलिटिकल (Geopolitical) रिस्क को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने डाटा लोकलाइजेशन के नियम जारी किये थे, इसके अंतरर्गत सर्विस प्रोवाइडर्स कंपनीयो को सख्त निर्देश दिये गये थे कि 6 महिने के अंदर भारतीयों के पेमेंट से जुड़े सभी आकड़ो को देश में ही रखने की व्यवस्था कि जाये। शुरुआत में कई बाहरी कंपनिया जैसे माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), गूगल (Google), अमेजॉन (Amazon) और कई ग्लोबल बैंको ने डाटा लोकलाइजेशन नियम का विरोध किया लेकिन बाद में तय समय-सीमा के अन्दर इन्होनें ये निर्देश मान लिये थे। लेकिन मास्टरकार्ड (Mastercard) को पर्याप्त समय देने बावजूद नियमों को पूरी तरह मानने में असफल था, जिसके बाद उस पर कड़े प्रतिबन्ध लगा दिये गये थे।
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