मुंबई. पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के जमा लेने, लोन या एडवांस देने और किसी भी खाते से छह महीने तक एक हजार से ज्यादा नहीं निकालने के भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश का 21 अक्टूबर को होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर गहरा असर दिख सकता है. महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई में बीजेपी-शिवसेना की एनडीए सरकार है जिसके नेताओं को चुनाव प्रचार के दौरान पीएमसी बैंक में बुरे वक्त या शादी-ब्याह, घर जैसी जरूरतों के लिए मेहनत और बचत से पैसे जमा करने वाले आम वोटरों के सवाल का जवाब देना होगा. सोशल मीडिया पर मुंबई के अलग-अलग इलाकों और महाराष्ट्र के कई शहरों से बैंक के बाहर खाताधारकों की भारी भीड़ की बेचैनी, हंगामा, रोने, चिल्लाने की तस्वीरें और वीडियो लगातार आ रही हैं. किसी को सैलरी निकालने की चिंता है तो किसी को बेटी की शादी के लिए जमा पैसा निकालने की. किसी को घर या कार के ईएमआई जाने की चिंता है. रिजर्व बैंक ने ये साफ किया है कि बैंकिंग लाइसेंस कैंसिल नहीं किया गया है वहीं बैंक के एमडी जॉय थॉमस ने कहा है कि वो सारी गड़बड़ी 6 महीने से पहले ठीक कर देंगे.
पीएमसी बैंक की देश भर में 137 ब्रांच हैं जिसमें अकेले महाराष्ट्र में 104 शाखाएं हैं जिसमें मुंबई में उसकी दमदार मौजूदगी है. बैंक के पास 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा जमा है. रिजर्व बैंक ने बैड लोन छुपाने और वित्तीय गड़बड़ी की शिकायतों को सही पाकर 6 महीने की पाबंदी लगाई है जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना होगा जिनका पैसा बैंक में जमा है. सीएम देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के तौर पर 5 साल का पूरा कार्यकाल पूरा करने वाले राज्य के दूसरे सीएम बनने जा रहे हैं. उनसे पहले सिर्फ वसंतराव नाइक ने 1967-72 का अपना पांच साल का टर्म पूरा किया था.
देंवेंद्र फडणवीस और बीजेपी पीएमसी बैंक में लोगों का पैसा छह महीने के लिए फंसने के सवाल पर कांग्रेस समेत विपक्ष के निशाने पर है. रिजर्व बैंक ने 23 सितंबर से ये 6 महीने का प्रतिबंध लगाया है और संयोग देखिए कि 27 सितंबर से राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो रहा है. 4 अक्टूबर को नॉमिनेशन के आखिरी दिन के बाद से 19 अक्टूबर तक राज्य में विपक्ष का हर नेता पीएमसी बैंक के ग्राहकों के जख्म को कुरेदकर बीजेपी और शिवसेना को मुश्किल में डालने की कोशिश करेगा. महाराष्ट्र में एक चरण के चुनाव में 21 अक्टूबर को वोटिंग और 24 अक्टूबर को मतगणना और नतीजे हैं.
पीएमसी बैंक से एक हजार से ज्यादा निकालने की बंदिश की खबरें आग की तरह फैलीं और मुंबई से लेकर पुणे तक बैंक के ग्राहक ब्रांच में जमा हो गए. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि बैंक में पैसा जरूरत और सेफ्टी के लिए रखा जाता है लेकिन अगर वो पैसा घर चलाने तक के लिए निकालना मुश्किल हो जाए तो इलाज, पढ़ाई या शादी के तो लाले ही पड़ जाएंगे. पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक राज्य के मजबूत सहकारी बैंकों में है और देश के टॉप 10 सहकारिता बैंकों में है. बैंक ने पिछले वित्त वर्ष में 99 करोड़ का मुनाफा घोषित किया था. मीडिया रिपोर्ट्स में ग्राहक रिजर्व बैंक पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं कि बैंक अधिकारियों की गलती की सजा ग्राहकों को देना कौन सा इंसाफ है.
लोग पूछ रहे हैं कि जब प्याज 60-70 रुपए किलो मिल रहा है तो 1000 रुपए में कोई भी आदमी अपना घर-परिवार 6 महीने कैसे चलाएगा. ये जो सारे सवाल हैं, गुस्सा है, उसे विपक्ष पूरी तरह से देवेंद्र फडणवीस सरकार और बीजेपी के खिलाफ इस्तेमाल करने का कोई मौका चुनाव में नहीं छोड़ेगा. ये बीजेपी और शिवसेना के सामने एक अनचाहा संकट खड़ा हो गया है. ठीक चुनाव से पहले. इसके असर से पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह और सीएम देवेंद्र फडणवीस पार्टी और एनडीए गठबंधन को कैसे बचाएंगे, वोटर को कैसे समझाएंगे, ये बड़ा सवाल है.
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