नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक ने ब्रिटेन से 100 टन सोना भारत में ला रखा है,भारत के लिए सोना श्रृंगार नहीं बिल्क मुश्किल में काम आने वाला मित्र होता है.जो भारत के सोने भंडारण में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। जिसके पास जितना सोना वो उतना शक्तिशाली है. RBI ने इंग्लैंड से अपना 100 टन सोना […]
नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक ने ब्रिटेन से 100 टन सोना भारत में ला रखा है,भारत के लिए सोना श्रृंगार नहीं बिल्क मुश्किल में काम आने वाला मित्र होता है.जो भारत के सोने भंडारण में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। जिसके पास जितना सोना वो उतना शक्तिशाली है.
RBI ने इंग्लैंड से अपना 100 टन सोना वापस ला कर भारत में रखा है. और अब यह 100 टन सोना इंग्लैंड की जगह भारत में रखा है, आने वाले समय में और भी सोना भारत वापस आने वाला है. अब यह सोना RBI के पास रखा है. अबतक रिजर्व बैंक के पास 822 टन सोना है. और 100.3 टन सोना भारत में रखा है, जबकि 413.8 टन अभी विदेशों में रखा हुआ है. और इसके अलावा भारत में नोट जारी करने के लिए 308 टन सोना रखा गया है.
बता दें कि विश्व के अधिकतर देश लंदन में ही अपना सोना रखते आए हैं. भारत भी अपना सोना लंदन में रखता था लेकिन अब भारत ने फैसला लिया है कि अपने सोने की अधिक मात्रा देश के अंदर ही रखी जाएगी. बताया गया है कि रिजर्व बैंक जहां विदेशों से सोना लेकर आ रहा है, वहीं वो नया सोना भी खरीद रहा है. रिजर्व बैंक ने फाइनेंस वर्ष 2022-23 में 34.3 टन और जबकि 2023-24 में 27.7 टन नया सोना खरीदा.रिजर्व बैंक विश्व के कुछ चुनिंदा बैंकों में से एक है जो सोना खरीद रहे हैं.
इस सोना को वापस देश में लाने के लिए रिजर्व बैंक को अलग से इंतजाम करने पड़े थे. जहं रिजर्व बैंक ने इसके लिए विशेष विमान की इंताजाम भी किया गया था. वहीं इसके साथ-साथ केंद्र सरकार ने कस्टम ड्यूटी भी माफ कर दी थी. हालांकि, इस सोने को देश में लाने के बाद आरबीआई को GST भी देना पड़ा है.
जहाँ वर्तमान में RBI ने विदेशों से अपना सोना वापस लाकर देश में रख रहा है, वहीं लगभग 3 दशक पहले की कांग्रेस-तीसरे मोर्चे की सरकारों ने भारत का सोना गिरवीं रख दिया था.जुलाई 1991 में नरसिंह राव सरकार ने 46.91 टन सोना इंग्लैंड की बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास गिरवीं रखा था ताकि 400 मिलियन डॉलर जुटाए जा सकें. सोना गिरवीं रखे जाने से पहले भारत ने सोना बेचा भी था.
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