RBI ने यह तय किया है कि फिलहाल रेपो रेट 6 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर ही रहेगा. इससे पहले अक्टूबर में हुई बैठक में भी रेपो रेट के साथ कोई बदलाव न करने का फैसला किया गया था.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बार भी मौद्रिक समीक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं किया है. ऐसे में साफ है कि सस्ते कर्ज के लिए अभी आपको और रुकने की जरूरत है. सस्ते कर्ज के लिए आपको एमपीसी की अगली बैठक तक इंतजार करना होगा. फिलहाल RBI ने यह तय किया है कि रेपो रेट 6 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर ही बरकरार रहेगा. बता दें कि इससे पहले अक्टूबर में हुई बैठक में भी रेपो रेट के साथ कोई बदलाव न करने का फैसला किया था. मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने रेपो रेट में बदलाव न करने का बड़ा कारण महंगाई को बताया है.
MPC का कहना है यह फैसला कि महंगाई को 4 फीसदी के सीमा में बरकरार रखने के लिए ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए लिया गया है. बता दें कि अर्थवस्था के विकास दर के अनुमान में भी RBI ने इस बार कोई बदलाव नहीं किया है. फिलहाल इसे 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.
MPC की पिछली बैठक में विकास दर को 7.3 फीसदी के बदलकर 6.7 फीसदी किया गया था. 7.3 फीसदी का यह अनुमान RBI ने इस साल अगस्त में जारी किया था. RBI ने कहा है कि कुछ समय पहले कच्चे तेलों की कीमतें बढ़ने का असर विकास दर के अनुमान पर पड़ा है. एक बयान जारी करते हुए MPC ने कहा है कि सर्विस सेक्टर में खासा कमजोरी देखने को मिली है. MPC ने कहा कि हालांकि जल्द ही इन क्षेत्रों में मांग बढ़ सकती है
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