Rawanda Genocide: रवांडा के झंडे में नजर आया कुतुबमीनार, नरसंहार की याद में एकजुटता दिखाने के लिए भारत सरकार ने लिया फैसला

Rawanda Genocide: आज अफ्रीकी देश रवांडा में 1994 में हुए ख़ौफ़नाक नरसंहार की 30वीं बरसी पर 7 अप्रैल को दिल्ली के कुतुब मीनार को रवांडा के राष्ट्रीय झंडे वाली रोशनी में नहाया हुआ दिखाई दिया. 21वीं सदी में हुए इस भीषण नरसंहार की याद आज भी लोगों के जेहन में ताजा है. रवांडा में हुए […]

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Rawanda Genocide: रवांडा के झंडे में नजर आया कुतुबमीनार, नरसंहार की याद में एकजुटता दिखाने के लिए भारत सरकार ने लिया फैसला

Mohd Waseeque

  • April 8, 2024 7:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

Rawanda Genocide: आज अफ्रीकी देश रवांडा में 1994 में हुए ख़ौफ़नाक नरसंहार की 30वीं बरसी पर 7 अप्रैल को दिल्ली के कुतुब मीनार को रवांडा के राष्ट्रीय झंडे वाली रोशनी में नहाया हुआ दिखाई दिया. 21वीं सदी में हुए इस भीषण नरसंहार की याद आज भी लोगों के जेहन में ताजा है. रवांडा में हुए इसी भीषण नरसंहार की याद में दिल्ली के क़ुतुब मीनार (Qutub Minar) को उसके राष्ट्रीय झंडे के रंग की रोशनी वाली लाइटों से रंगा गया. तुत्सी समुदाय के लोगों को इस नरसंहार में निशाना बनाया गया था. अफ्रीकी देश रवांडा में हुई इस भयानक घटना में क़रीब 10 लाख लोग मारे गए थे. भारत सरकार ने इस नरसंहार की 30वीं बरसी के मौक़े पर क़ुतुब मीनार को रवांडा के झंडे के रंग की रोशनी में रंग कर रवांडा की सरकार और वहां के लोगों के प्रति सहानुभूति और एकजुटता दिखाई है.

रवांडा के झंडे में रंगा दिखाई दिया कुतुबमीनार

दिल्ली के क़ुतुब मीनार को रविवार रात 8 बजे से 8 बजकर 45 मिनट तक रवांडा के झंडे में रंगा रहा. भारत सरकार ने नरसंहार की बरसी के मौके पर प्रतिनिधियों के साथ-साथ भारत में रवांडा की उच्चायुक्त मुकान्गिरा जैकलीन मौजूद रहीं. भारत और अफ्रीकी देश रवांडा के आपसी रिश्तों में पिछले कुछ सालों में काफ़ी मित्रता देखी गई है. रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे के पीएम मोदी निमंत्रण पर जुलाई 2018 में रवांडा का दौरा कर चुके हैं. रवांडा के विकास में साढ़े तीन हज़ार से अधिक भारतीय और कई भारतीय कंपनियां अपना योगदान दे रही हैं.

रवांडा के साथ भारत ने दिखाई एकजुटता

कुतुब मीनार को भारत सरकार ने रवांडा में तुत्सी समुदाय के खिलाफ 1994 के नरसंहार की याद में रवांडा के झंडे के रंग से रोशन किया. अपने इस कदम से भारत ने पूरी दुनिया को ये संदेश देने की कोशिश की कि, नरसंहार और गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा और लोगों के बीच शांति, सहिष्णुता और एकता की संस्कृति का जश्न मनाना होगा. रवांडा के उच्चायुक्त भारत सरकार के प्रतिनिधि, और उनके सहयोगियों, मीडिया के सदस्यों और रवांडा के कुछ मेहमानों की मौजूदगी में कुतुब मीनार को 45 मिनट तक रवांडा के झंडे के रंग की रोशनी में रोशन किया गया.

रवांडा में को रोकने में भारतीय सैनिकों ने दिया बलिदान

7 अप्रैल को किगाली में रवांडा सरकार ने तुत्सी समुदाय के खिलाफ 1994 के हुए नरसंहार की 30वां स्मृति दिवस मनाया. नरसंहार की संभावना के बारे में दुनिया को सचेत करने वाले देशों में भारत भी रहा था जिसने जिसने 1992 की शुरुआत में ही रवांडा में नरसंहार होने की चिंता जाहिर की थी.भारतीय सैनिकों ने 1994 में होने वाले नरसंहार के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए UNAMIR के एक हिस्से के रूप में,अपने जीवन का बलिदान दिया था.
श्री दम्मू रवि ने भारत सरकार का प्रतिनिधित्व सचिव (आर्थिक संबंध) रवांडा के किगाली में नरसंहार की बरसी के मौके आयोजित कार्यक्रम में इस घटना को याद करते हुए. कुतुबमीनार को रवांडा के झंडे वाली रोशनी से रोशन किया गया.

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