देश-प्रदेश

Rawanda Genocide: रवांडा के झंडे में नजर आया कुतुबमीनार, नरसंहार की याद में एकजुटता दिखाने के लिए भारत सरकार ने लिया फैसला

Rawanda Genocide: आज अफ्रीकी देश रवांडा में 1994 में हुए ख़ौफ़नाक नरसंहार की 30वीं बरसी पर 7 अप्रैल को दिल्ली के कुतुब मीनार को रवांडा के राष्ट्रीय झंडे वाली रोशनी में नहाया हुआ दिखाई दिया. 21वीं सदी में हुए इस भीषण नरसंहार की याद आज भी लोगों के जेहन में ताजा है. रवांडा में हुए इसी भीषण नरसंहार की याद में दिल्ली के क़ुतुब मीनार (Qutub Minar) को उसके राष्ट्रीय झंडे के रंग की रोशनी वाली लाइटों से रंगा गया. तुत्सी समुदाय के लोगों को इस नरसंहार में निशाना बनाया गया था. अफ्रीकी देश रवांडा में हुई इस भयानक घटना में क़रीब 10 लाख लोग मारे गए थे. भारत सरकार ने इस नरसंहार की 30वीं बरसी के मौक़े पर क़ुतुब मीनार को रवांडा के झंडे के रंग की रोशनी में रंग कर रवांडा की सरकार और वहां के लोगों के प्रति सहानुभूति और एकजुटता दिखाई है.

रवांडा के झंडे में रंगा दिखाई दिया कुतुबमीनार

दिल्ली के क़ुतुब मीनार को रविवार रात 8 बजे से 8 बजकर 45 मिनट तक रवांडा के झंडे में रंगा रहा. भारत सरकार ने नरसंहार की बरसी के मौके पर प्रतिनिधियों के साथ-साथ भारत में रवांडा की उच्चायुक्त मुकान्गिरा जैकलीन मौजूद रहीं. भारत और अफ्रीकी देश रवांडा के आपसी रिश्तों में पिछले कुछ सालों में काफ़ी मित्रता देखी गई है. रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे के पीएम मोदी निमंत्रण पर जुलाई 2018 में रवांडा का दौरा कर चुके हैं. रवांडा के विकास में साढ़े तीन हज़ार से अधिक भारतीय और कई भारतीय कंपनियां अपना योगदान दे रही हैं.

रवांडा के साथ भारत ने दिखाई एकजुटता

कुतुब मीनार को भारत सरकार ने रवांडा में तुत्सी समुदाय के खिलाफ 1994 के नरसंहार की याद में रवांडा के झंडे के रंग से रोशन किया. अपने इस कदम से भारत ने पूरी दुनिया को ये संदेश देने की कोशिश की कि, नरसंहार और गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा और लोगों के बीच शांति, सहिष्णुता और एकता की संस्कृति का जश्न मनाना होगा. रवांडा के उच्चायुक्त भारत सरकार के प्रतिनिधि, और उनके सहयोगियों, मीडिया के सदस्यों और रवांडा के कुछ मेहमानों की मौजूदगी में कुतुब मीनार को 45 मिनट तक रवांडा के झंडे के रंग की रोशनी में रोशन किया गया.

रवांडा में को रोकने में भारतीय सैनिकों ने दिया बलिदान

7 अप्रैल को किगाली में रवांडा सरकार ने तुत्सी समुदाय के खिलाफ 1994 के हुए नरसंहार की 30वां स्मृति दिवस मनाया. नरसंहार की संभावना के बारे में दुनिया को सचेत करने वाले देशों में भारत भी रहा था जिसने जिसने 1992 की शुरुआत में ही रवांडा में नरसंहार होने की चिंता जाहिर की थी.भारतीय सैनिकों ने 1994 में होने वाले नरसंहार के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए UNAMIR के एक हिस्से के रूप में,अपने जीवन का बलिदान दिया था.
श्री दम्मू रवि ने भारत सरकार का प्रतिनिधित्व सचिव (आर्थिक संबंध) रवांडा के किगाली में नरसंहार की बरसी के मौके आयोजित कार्यक्रम में इस घटना को याद करते हुए. कुतुबमीनार को रवांडा के झंडे वाली रोशनी से रोशन किया गया.

Mohd Waseeque

Recent Posts

मस्जिदों-कब्रिस्तान पर मोदी सरकार करेगी कब्जा, अयोध्या में.., मौलाना अरशद मदनी ने कह दी बड़ी बात

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा बीजेपी सरकार को कमजोर बताया और…

15 minutes ago

इस साल भारत ने खेल जगत में गाड़े झंडे, हासिल किए कई कीर्तिमान

2024 का साल भारतीय खेलों के लिए विशेष रूप से यादगार रहा।

25 minutes ago

विजय दिवस पर भारतीय सेना की जीत को मिटाने की कोशिश, सर्वे में फूटा देशभक्तों का गुस्सा

भारत की सैन्य शक्ति और रणनीति समय-समय पर विभिन्न घटनाओं और परिवर्तनों के माध्यम से…

30 minutes ago

संभल में 209 हिन्दुओं की हत्या हुई, UP विधानसभा में दिखा योगी का रौद्र रूप, विपक्ष का सुनाई खरी-खरी

सीएम योगी ने संभल, बहराइच मामले पर विधानसभा में कहा 1947 से अब तक 209…

40 minutes ago

सुहागरात पर दुल्हन ने रचा षड्यंत्र, पति को दिया ऐसा झटका, सीधा पहुंचा अस्पताल

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले चौकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शादी के अगले…

47 minutes ago

घूमने जाते समय ऑनलाइन होटल या रूम बुकिंग से पहले रखें इन बातों का ध्यान

आजकल लोग यात्रा या किसी विशेष कार्यक्रम के लिए होटल और रूम ऑनलाइन बुक करना…

50 minutes ago