RAW Agents in Pakistan: पाकिस्तान में घुसकर दुश्मनों को खत्म कर रहा भारत, रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली। पाकिस्तान हमेशा से भारत के दुश्मनों का पनाहगाह रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों में पड़ोसी मुल्क में एक-एक कर भारत के दुश्मनों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। अक्सर खबर आती है कि किसी अनजान शख्स( RAW Agents in Pakistan) ने किसी आतंकी या फिर अलगाववादी को मार दिया। वहीं, […]

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RAW Agents in Pakistan: पाकिस्तान में घुसकर दुश्मनों को खत्म कर रहा भारत, रिपोर्ट में खुलासा

Arpit Shukla

  • April 5, 2024 8:41 am Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

नई दिल्ली। पाकिस्तान हमेशा से भारत के दुश्मनों का पनाहगाह रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों में पड़ोसी मुल्क में एक-एक कर भारत के दुश्मनों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। अक्सर खबर आती है कि किसी अनजान शख्स( RAW Agents in Pakistan) ने किसी आतंकी या फिर अलगाववादी को मार दिया। वहीं, अब ब्रिटिश अखबार गार्जियन ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तान में भारतीय दुश्मनों की हो रही हत्याओं के पीछे भारत की खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (RAW) का हाथ है।

पीएम देते हैं ऑर्डर!

बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ का सीधा कंट्रोल है। यही कारण है कि गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है पड़ोसी मुल्क में हत्या का ऑर्डर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से आ रहा है। भारत तथा पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों के हवाले से लिखी गई इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में हत्याओं का सिलसिला बढ़ गया। बता दें कि अज्ञात हमलावरों ने 2020 से अब तक 20 लोगों को मौत की नींद सुलाया है।

पुलवामा हमले के बाद बदला RAW का तरीका

दो भारतीय खुफिया अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि रॉ ने पुलवामा हमले के बाद विदेशों में छिपे दुश्मनों के खात्मे पर जोर देना शुरू किया। बता दें कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने 14 फरवरी, 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस दौरान भारत-पाकिस्तान के रिश्ते इतने ज्यादा तनावपूर्ण हो गए थे कि युद्ध तक की नौबत आ पड़ी थी।

कैसे बना प्लान?

एक भारतीय खुफिया अधिकारी ने बताया कि पुलवामा के बाद देश के बाहर मौजूद ‘दुश्मनों’ के अटैक करने या कोई गड़बड़ी पैदा करने से पहले उनको निशाना बनाने का दृष्टिकोण पैदा हुआ। अधिकारी ने कहा कि हम हमलों को रोक नहीं सकते थे, क्योंकि उनका सुरक्षित ठिकाना पाकिस्तान था, इसलिए हमें खुद ही वहां पहुंचना पड़ा। अधिकारी ने आगे कहा कि इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सरकार के सबसे उच्चतम स्तर से मंजूरी लेनी होती है।

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