पटना। बिहार के छपरा एवं अन्य जिलों में ज़हरीली शराब से हुई मौतों की संख्या लगभग 60 से अधिक पहुंच गई है। वहीं सीएम नीतीश कुमार के बयान ने परिजनों को हताश कर दिया है। नीतीश कुमार के बयान को लेकर भाजपा नेता लगातार उन्हें निशाने पर ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के […]
पटना। बिहार के छपरा एवं अन्य जिलों में ज़हरीली शराब से हुई मौतों की संख्या लगभग 60 से अधिक पहुंच गई है। वहीं सीएम नीतीश कुमार के बयान ने परिजनों को हताश कर दिया है। नीतीश कुमार के बयान को लेकर भाजपा नेता लगातार उन्हें निशाने पर ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के द्वारा जेडीयू की शराबबंदी को फेल बताया जा रहा है।
हम आपको बता दें कि, सीएम नीतीश कुमार ने मरने वालों को किसी भी प्रकार का मुआवजा देने से इन्कार कर दिया है।
पटना साहिब से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नीतीश कुमार के बयान को शर्मनाक और असंवेदनशील बताया है। वहीं नालंदा, बिहार शरीफ में जहरीली शराब से मौत एवं बढ़ते अपराध को लेकर कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में भी शामिल हुए। साथ ही नालंदा से विधायक सुनील कुमार एवं नीतीश कुमार का पुतला दहन कर अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया। नीतीश कुमार का वह बयान जिसमें उन्होने कहा था कि, जो शराब पिएगा वो मरेगा को पीड़ादायक और शर्मनाक बताया।
बिहार राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि, बिहार के तीनों जिलों में शराब पीने से होने वाली मृत्यु की संख्या लगभग 100 से ज्यादा पहुंच चुकी है। उन्होनें कहा कि, मरने वालों में अधिकतर आदिवासी, दलित, पिछड़े और गरीब वर्ग के लोग आते हैं। इस दौरान उन्होने कहा कि, इस मामले में अपनी सत्ता को बचाए रखेन में जीतन राम मांझी, भाकपा(माले) और माकपा जैसे दलों ने चुप्पी साध रखी है। उन्होनें कहा कि, जीतन राम मांझी शराबबंदी के विरुद्ध रोज बयान देते थे अब वही मांझी जहरीली शराब से मरने वालों को सांत्वना भी देने नहीं गए।