Ravi Shankar Prasad on Judiciary: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह में सीजेआई रंजन गोगोई की मौजूदगी में कहा कि संविधान के जितने भी अंग हैं उन्हें लक्ष्मण रेखा के अंदर रहकर ही काम करने की जरूरत है.
नई दिल्ली. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि जूडिशयरी को ये तय कर लेना चिए कि वह शासन से जुड़े मुद्दों पर सीमा में रहे. आपको पता होना चाहिए कि किस हद तक अधिकार आप अपने हाथ में रख सकते हैं. रविशंकर ने कहा कि संविधान के जितने भी अंग हैं उन्हें लक्ष्मण रेखा के अंदर रहकर ही काम करने की जरूरत है. ये सभी बातें रविशंकर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह में सीजेआई रंजन गोगोई की मौजूदगी में कहीं. उन्होंने का कि एडमिनिस्ट्रेशन यानी शासन एक बेहद जटिल सी चीज ह. ऐसे में इससे जुड़े मुद्दों पर जरूरी है कि न्यायपालिका अपने अधिकारों की सीमा को खूद तय करे.
उन्होंने कहा कि सरकार चलाने के दौरान बहुत सी चीजें समझनी होती हैं. उन्होंने आगे राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग कानून पर बात करते हुए कहा कि सरकार ने कोर्ट के इस फैसले को भले स्वीकार कर लिया है, लेकिन इसे रद्द करने के लिए बताये गये कुछ कारणों पर उसे आपत्ति है. रविशंकर प्रसाद ने इस दौरान न्यायमूर्ति एचआर खन्ना को श्रद्धांजलि दी.
बताते चलें कि न्यायालय ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग कानून को खत्म कर दिया था. रविशंकर ने कहा जनहित याचिकाओं का विचार हाशिए रह7 रहे और वंचित लोगों को सुनने की इजाजत देना था. इसके अलावा कानून मंत्री ने कहा कि अधीनस्थ न्यायपालिका में और प्रतिभाशाली लोगों को शामिल करने के लिए राष्ट्रीय लेविल कि प्रवेश परीक्षा कराई जानी चाहिए.
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