नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद से देश की राजनीति और बाजार में हलचल देखने को मिल रही है। विपक्ष केन्द्र सरकार पर अडानी ग्रुप से मिले होने का आरोप लगा रहा है। इस बीच भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष हारने के बाद भारत को आर्थिक रूप से बर्बाद […]
नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद से देश की राजनीति और बाजार में हलचल देखने को मिल रही है। विपक्ष केन्द्र सरकार पर अडानी ग्रुप से मिले होने का आरोप लगा रहा है। इस बीच भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष हारने के बाद भारत को आर्थिक रूप से बर्बाद करने का साजिश रच रहा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘भारत की जनता द्वारा नकारे जाने के बाद कांग्रेस पार्टी, उसके सहयोगी और टूलकिट गैंग ने मिलकर भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने की साजिश रची है? शनिवार को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होती है, रविवार को हंगामा होता है ताकि सोमवार को पूरा पूंजी बाजार अस्थिर हो जाए… शेयरों के लिहाज से भी भारत एक सुरक्षित, स्थिर और आशाजनक बाजार है।
उन्होंने आगे कहा, ‘बाजार को सुचारू रूप से चलाना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है… जब जुलाई में सेबी ने अपनी पूरी जांच पूरी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया, तब उन्होंने अपने बचाव के पक्ष में कोई जवाब दिए बिना यह हमला किया है, यह बेबुनियाद हमला है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हिंडनबर्ग में मुख्य निवेशक अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस हैं। यह टूलकिट गैंग है। साजिश करके भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को अस्थिर किया जा रहा है। नुकसान पहुंचाने की कोशिश हो रही है। शेयर बाजार को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है। सबने देखा है कि एक साजिश के तहत शनिवार को जब बाजार बंद था, तब ये रिपोर्ट आई। इस रिपोर्ट के आने के बाद बाजार में क्या हुआ, ये आप सबने देखा है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस क्या चाहती है? क्या कांग्रेस चाहती है कि भारत में निवेश न हो? भारत के विकास को रोकने की साजिश हो रही है। कांग्रेस भारत को आर्थिक रूप से कमजोर करना चाहती है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम साफ तौर पर कहना चाहते हैं कि हम भारत को कमजोर नहीं होने देंगे।’
हिंडनबर्ग ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमे उसने अडानी ग्रुप और SEBI पर गंभीर आरोप लगाए। रिपोर्ट में कहा गया कि SEBI की चेयरपर्सन माधबी बुच के अडानी ग्रुप के साथ संबंध है, जिस वजह से अडानी समूह पर हो रही कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी। हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट से अडानी ग्रुप को बड़ा झटका लगा है।
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