तुम्हारे तो खुद 4 बच्चे हैं… दानिश अली पर रवि किशन का वार, लोकसभा स्पीकर को दी शिकायत

नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ इस्तेमाल किए गए असंसदीय शब्दों से जुड़ा मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर भाजपा सांसद बिधूड़ी पर कार्रवाई करने की मांग हो रही है तो दूसरी ओर बीजेपी के अन्य सांसद लोकसभा स्पीकर […]

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तुम्हारे तो खुद 4 बच्चे हैं… दानिश अली पर रवि किशन का वार, लोकसभा स्पीकर को दी शिकायत

Riya Kumari

  • September 24, 2023 2:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ इस्तेमाल किए गए असंसदीय शब्दों से जुड़ा मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर भाजपा सांसद बिधूड़ी पर कार्रवाई करने की मांग हो रही है तो दूसरी ओर बीजेपी के अन्य सांसद लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर दानिश अली की करतूतें गिनवा रहे हैं. निशिकांत दुबे के बाद अब रवि किशन ने दानिश अली के खिलाफ लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि दानिश अली ‘सीरियल ऑफेंडर’ हैं.

 

पत्र में क्या बोले रवि किशन?

 

इस पत्र में रवि किशन ने उदाहरण देते हुए कहा है कि पिछले साल दिसंबर महीने में जब ‘जनसंख्या नियंत्रण’ पर मैं निजी विधेयक पेश कर रहा था तो बसपा सांसद दानिश अली ने मेरे खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि खुद इनके चार बच्चे हैं और ये विधेयक पेश कर रहे हैं. अपने इस पत्र में रवि किशन ने आगे कहा है कि लोकसभा में दानिश अली की टोका-टोकी और डिस्टर्ब करने की आदत है. आगे भाजपा सांसद ने इस मामले में स्पीकर से जांच की मांग की है.

 

भाजपा करेगी कार्रवाई

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने सांसद को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. इससे पहले लोकसभा स्पीकर ने भी संसद में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किए जाने पर नाराज़गी जताई थी. अब जेपी नड्डा के निर्देश पर भारतीय जनता पार्टी ने बिधूड़ी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसका जवाब उन्हें अगले 15 दिनों के भीतर देना है. इससे पहले बसपा सांसद दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर को बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया था और इस मामले को को विशेषाधिकार समिति के पास जांच के लिए भेजने का अनुरोध किया था.

15 दिनों के भीतर मांगा है जवाब

कहा तो ये भी जा रहा है कि यदि 15 दिनों के भीतर बिधूड़ी कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो पार्टी उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर सकती है. ऐसा भी हो सकता है कि उनकी संसदीय सदस्यता चली जाए. इतना ही नहीं उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है. देखने वाली बात ये है कि भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल होने जा रहे आम चुनावों से पहले महिला आरक्षण बिल पेश कर बड़ा इतिहास रच दिया था. हालांकि इस दौरान किसी ने अपेक्षा नहीं की थी कि बिधूड़ी केंद्र सरकार के किए कराए पर पानी फेर देंगे.

 

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