अहमदाबाद/अयोध्या: गुजरात से अयोध्या के लिए एक बार फिर से रथयात्रा निकलने वाली है. 1990 के दशक की तरह यह यात्रा 8 जनवरी को अहमदाबाद से निकलेगी. यह गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 14 शहरों से गुजरते हुए 20 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी. यह रथयात्रा कुल 1400 किमी का सफर तय करेगी. रामलला […]
अहमदाबाद/अयोध्या: गुजरात से अयोध्या के लिए एक बार फिर से रथयात्रा निकलने वाली है. 1990 के दशक की तरह यह यात्रा 8 जनवरी को अहमदाबाद से निकलेगी. यह गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 14 शहरों से गुजरते हुए 20 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी. यह रथयात्रा कुल 1400 किमी का सफर तय करेगी.
बता दें कि इस रथयात्रा को अहमदाबाद की राम चरित मानस ट्रस्ट-न्यूराणिप समिति आयोजित कर रही है. रथयात्रा के अयोध्या पहुंचने के बाद ट्रस्ट द्वारा रामलला को 51 लाख रुपए का चढ़ावा चढ़ाया जाएगा. मालूम हो कि इससे पहले 1990 के दशक में बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में सोमनाथ से अयोध्या के लिए रथयात्रा निकली थी. इस रथयात्रा के बाद ही राम मंदिर के आंदोलन ने विराट रूप लिया था.
उधर, राममंदिर ट्रस्ट ने 33 साल पहले गुजरत से अयोध्या के लिए निकली रथ यात्रा के सूत्रधार रहे लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को जनवरी में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में न आने की अपील की है. राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय ने कहा कि दोनों नेताओं की उम्र बहुत ज्यादा हो गई है. यहां पर ठंड भी काफी ज्यादा है. इसलिए मैंने दोनों से निवेदन किया है कि वे समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या न आएं.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी इस वक्त 90 साल के हैं. वहीं बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी जनवरी में 90 वर्ष के हो जाएंगे. राम मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि दोनों ही नेता काफी वरिष्ठ हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उनसे अनुरोध किया गया है कि वो अयोध्या न आएं, जिसे दोनों ने स्वीकार कर लिया है.