नई दिल्ली: रतन टाटा के बारे में आपने बहुत कुछ सुना होगा. लोकिन आप जानते है उनका सबसे करीबी दोस्त कौन है. शांतनु नायडू ऐसा नाम है जो रतन टाटा के सबसे करीबी और उनके सहायक मित्र के रूप में जाना जाता है. शांतनु सोशल एक्टिविस्ट लेखक और युवा उद्यमी के रूप में समाज में […]
नई दिल्ली: रतन टाटा के बारे में आपने बहुत कुछ सुना होगा. लोकिन आप जानते है उनका सबसे करीबी दोस्त कौन है. शांतनु नायडू ऐसा नाम है जो रतन टाटा के सबसे करीबी और उनके सहायक मित्र के रूप में जाना जाता है. शांतनु सोशल एक्टिविस्ट लेखक और युवा उद्यमी के रूप में समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है. शांतनु की सफलता की कहानी में दोस्ती, समाज सेवा, और बिजनेस की दुनिया के कई पहलुओं को छूती है.
शांतनु नायडू का जन्म 1993 में पुणे में एक तेलुगु परिवार में हुआ हैं. वह 31 साल की उम्र में बिजनेस की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. शांतनु नायडू न केलव बिजनेस की दुनिया में बल्कि समाज के प्रति उनकी संवेदनशीलता भी उन्हें खास बनाती है.
शांतनु की संस्था मोटोपॉज ने सड़क पर घूमने वाले कुत्तों के लिए विशेष डेनिम कॉलर बनाए जिनपें रिफ्लेक्टर लगे होते थे. यह रिफ्लेक्टर तेज़ गाड़ियों से उनकी जान बचाते है. शांतनु की इस सोच रतन टाटा का ध्यान अपनी ओर खींचा क्योंकि वह खुद एक पशु प्रेमी हैं. टाटा ने शांतनु को मुंबई बुलाया फिर दोनों के बीच गहरी दोस्ती की शुरुआत हुई.
रतन टाटा के ऑफिस में शांतनु जनरल मैनेजर के पद पर काम करते हैं और नए स्टार्टअप्स में निवेश को लेकर टाटा ग्रुप को सलाह देते है. उनकी उपलब्धियां केवल यही तक सीमित नहीं हैं. शांतनु सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और लेखक भी हैं.
शांतनु नायडू की सफलता की कहानी युवाओं को प्रेरित करने वाली है. कैसे कड़ी मेहनत से बड़े मुकाम तक पहुंचा जा सकता है. शांतनु की कहानी प्रोफेशनल ज़िंदगी समाज सेवा के इर्द-गिर्द घुमती है. हालांकि उनकी सैलरी के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 5-6 करोड़ रुपये के बीच है. शांतनु के नेटवर्क में रतन टाटा के साथ काम करने, मोटोपॉज के जरिए समाज सेवा और उनके ऑनलाइन प्रेरणात्मक टॉक से होने वाली आय शामिल है.
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