रतन टाटा ने कुत्तों की देखभाल के लिए छोड़ी इतनी संपत्ति, हिल जाएगा दिमाग

नई दिल्ली: रतन टाटा के निधन के बाद उनकी संपत्तियों और कंपनियों पर उनकी वसीयत के मुताबिक फैसला लिया जा रहा है. अपनी मृत्यु से पहले रतन टाटा ने अपनी वसीयत में सभी के लिए कुछ न कुछ छोड़ा था. उन्होंने अपने पालतू कुत्तों, देखभाल करने वाले नौकरों और कर्मचारियों के लिए भी पैसे छोड़े. […]

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रतन टाटा ने कुत्तों की देखभाल के लिए छोड़ी इतनी संपत्ति, हिल जाएगा दिमाग

Aprajita Anand

  • October 25, 2024 1:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 weeks ago

नई दिल्ली: रतन टाटा के निधन के बाद उनकी संपत्तियों और कंपनियों पर उनकी वसीयत के मुताबिक फैसला लिया जा रहा है. अपनी मृत्यु से पहले रतन टाटा ने अपनी वसीयत में सभी के लिए कुछ न कुछ छोड़ा था. उन्होंने अपने पालतू कुत्तों, देखभाल करने वाले नौकरों और कर्मचारियों के लिए भी पैसे छोड़े. रतन टाटा ने (9 अक्टूबर 2024) को मुंबई में आखिरी सांस ली थी. रतन टाटा के पास 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति थी. उन्होंने अपनी संपत्ति अपने फाउंडेशन, अपने भाई जिमी टाटा, सौतेली बहनों शिरीन और डीना जीजीभॉय, घरेलू कर्मचारियों और अपने करीबी अन्य लोगों को भी दे दी है।

रतन टाटा ने की वसीयत

रतन टाटा ने अपनी वसीयत में जर्मन शेफर्ड टीटो की आजीवन देखभाल सुनिश्चित की है. टीटो को करीब पांच-छह साल पहले रतन टाटा ने गोद लिया था। टाटा के बाद अब उनके रसोइया राजन शॉ उनकी देखभाल करेंगे. वसीयत में टाटा के बटलर सुब्बैया के लिए भी प्रावधान किया गया था. सुब्बैया ने तीन दशकों तक उनकी सेवा की थी। रतन टाटा अपने अंतरराष्ट्रीय दौरों के दौरान उनके लिए डिजाइनर कपड़े खरीदने के लिए जाने जाते थे.

आरटीईएफ का प्रमुख

रतन टाटा ने अपनी वसीयत में में समूह की कंपनियों में टाटा के शेयरों को रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (आरटीईएफ) को हस्तांतरित करने की एक विरासत योजना शामिल है. यह टाटा समूह की परंपरा के अनुरूप एक धर्मार्थ ट्रस्ट है। माना जा रहा है कि टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को आरटीईएफ का प्रमुख बनाया जाएगा.

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