नई दिल्ली: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा की वसीयत से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई है। बता दें, उनकी लगभग 3,800 करोड़ रुपये की संपत्ति का बड़ा हिस्सा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट (RTET) को दान कर दिया जाएगा। वहीं बाकी संपत्ति उनके सौतेले भाई-बहनों, दोस्तों, रसोइये समेत जानवरों तक भी हिस्सा दिया गया है।
किसे मिली 800 करोड़ की संपत्ति
रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा की सौतेली बहनों शिरीन जीजीभॉय और डीनना जीजीभॉय को उनकी वसीयत में करीब 800 करोड़ रुपये की संपत्ति दी गई है। इसके अलावा, टाटा ग्रुप के पूर्व कर्मचारी मोहिनी एम. दत्ता को भी इस संपत्ति में हिस्सा मिला है। रतन टाटा के सौतेले भाई जिम्मी नवल टाटा को जुहू स्थित उनकी संपत्ति का आधा हिस्सा मिला है, जिसकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा, चांदी के बर्तन और कुछ कीमती ज्वेलरी भी उन्हें दी गई है। रतन टाटा के करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को अलीबाग स्थित संपत्ति और तीन बंदूकों का कलेक्शन मिला है, जिसमें .25 बोर की एक पिस्तौल भी शामिल है।
रसोइये को मिले 80 लाख
रतन टाटा अपने पालतू जानवरों से काफी लगाव रखते थे। उनकी वसीयत में यह सुनिश्चित किया गया है कि उनके निधन के बाद भी उनकी ठीक से देखभाल की जाए। इसके लिए 12 लाख रुपये की राशि तय की गई है, जिसके तहत हर पालतू जानवर को तिमाही आधार पर 30,000 रुपये मिलेंगे। वहीं रतन टाटा की संपत्ति में रसोइये को भी हिस्सा दिया गया है. जानकारी के अनुसार, रसोइये सुब्बैया को 30 लाख रुपये की राशि दी गई है। वहीं रसोइये राजन शॉ को संपत्ति में से 50 लाख की राशि दी गई है।
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