नई दिल्लीः रतन टाटा के जन्म के समय भारत आजादी की लड़ाई शुरू हुई थी। उनका जन्म 1937 में हुआ था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि भारत को गुलाम देखकर उन्हें बहुत दुख होता था। अपने लड़कपन में उन्होंने ऐसे काम भी किए जिसे सुनकर आपकी हंसी नही रुकेगी। रतन मुंबई के आजाद […]
नई दिल्लीः रतन टाटा के जन्म के समय भारत आजादी की लड़ाई शुरू हुई थी। उनका जन्म 1937 में हुआ था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि भारत को गुलाम देखकर उन्हें बहुत दुख होता था। अपने लड़कपन में उन्होंने ऐसे काम भी किए जिसे सुनकर आपकी हंसी नही रुकेगी। रतन मुंबई के आजाद मैदान के आस-पास रहते थे। वह अपनी बालकनी से अक्सर स्वतंत्रता सेनानियों को भाषण देते और अंग्रेजों से भिड़ते हुए देखते थे। उन्होंने कई बार लाठीचार्ज और हिंसा जैसे दृश्य भी देखे।
स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों से भिड़ते देख उनका भी खून खौल उठता था। रतन टाटा के मुताबिक, यह उनके बचपन का जुनून था और वह चाहते थे कि अंग्रेज भारत से भाग जाएं। इसके लिए वह अपने दोस्तों के साथ कुछ न कुछ करते रहते थे। रतन टाटा ने कहा, “मुझे याद है, हम लड़के ब्रिटिश सांसदों की कारों और मोटरसाइकिलों के पेट्रोल टैंक में चीनी डाल देते थे, जब भी हमें मौका मिलता था, हम ऐसी चीजें करते थे।” रतन कहते हैं कि उन्होंने कई ब्रिटिश कारों में ऐसा किया।
दरअसल, किसी भी मशीन के फ्यूल टैंक में चीनी डालना उस मशीन को खराब करने के लिए काफी है। चीनी फ्यूल फिल्टर को ब्लॉक कर सकती है, जिससे फ्यूल सप्लाई रुक जाती है और इंजन बंद हो जाता है। चीनी के क्रिस्टल एयर फिल्टर को जाम कर सकते हैं, जिससे हवा का प्रवाह कम हो जाता है और इंजन खराब हो जाता है। कुल मिलाकर, एक बार चीनी अंदर चली गई तो इंजन खराब होना तय है।
ये भी पढ़ेः-ASEAN समिट में लाओस गए PM मोदी ने नवरात्रि व्रत में क्या खाया?
लौटा मोदी का पुराना भौकाल! PM का यह वीडियो देखकर थर थर कांपे चीन-पाकिस्तान