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कृष्णकुमार के निधन पर भावुक हुए रतन टाटा ,कहा -‘ उन्हें भुलाए नहीं जा सकता’

नई दिल्ली। टाटा संस के पूर्व डायरेक्टर और रतन टाटा के बेहद करीबी माने जाने वाले आरके कृष्ण कुमार का 1 जनवरी को मुंबई में 84 साल की उम्र में निधन हो गया है। बता दें , उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई है। वे Sir Dorabji Tata Trust और सर रतन टाटा ट्रस्ट […]

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कृष्णकुमार के निधन पर भावुक हुए रतन टाटा  ,कहा -‘ उन्हें भुलाए नहीं जा सकता’
  • January 2, 2023 12:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। टाटा संस के पूर्व डायरेक्टर और रतन टाटा के बेहद करीबी माने जाने वाले आरके कृष्ण कुमार का 1 जनवरी को मुंबई में 84 साल की उम्र में निधन हो गया है। बता दें , उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई है। वे Sir Dorabji Tata Trust और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी रह चुके थे, जिनकी अब टाटा संंस में 66 फीसदी हिस्सेदारी है। जानकारी के मुताबिक , आरके कृष्णकुमार का निधन रविवार शाम 6 बजे उनके घर पर कार्डियक अरेस्ट से हो गया था। टाटा ग्रुप के अधिकारियों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार 3 जनवरी को शाम 4.30 बजे चंदनवाड़ी श्मशान घाट में किया जाएगा।

रतन टाटा हुए भावुक

बता दें , टाटा संस के डायरेक्टर पद से रिटायर होने के बाद भी कृष्णकुमार टाटा ग्रुप के अन्य चीजों के साथ जुड़े रहे थे । जानकारी के अनुसार , वे टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के सदस्य बने रहे और रतन टाटा की कंसल्टेंसी फर्म, आरएनटी एसोसिएट्स और ग्रुप के अन्य ट्रस्टों के साथ काम करना जारी रखा हुआ था। कृष्णकुमार रतन टाटा के बेहद करीबी और विश्वासपात्र भी माने जाते थे।

गौरतलब है कि रतन टाटा ने कृष्ण कुमार के निधन पर दुख जताया और कहा कि मेरे दोस्त और सहपाठी आरके कृष्णकुमार के जाने का मुझे बेहद दुःख है। इसे शब्दों में बयां कर पाना आसान नहीं है । उन्होंने आगे कहा कि इन्हें हमेशा ग्रुप और व्यक्तिगत तौर पर कभी भूलना आसान नहीं होगा है ,टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष रतन टाटा ने अंत में कहा कि वे टाटा ग्रुप और टाटा ट्रस्ट के दिगज थे और सभी को वो बहुत याद आएंगे.

पद्म श्री से सम्मानित थे केके

रिपोर्ट के मुताबिक , 2009 में केंद्र सरकार ने कुमार को भारतीय व्यापार और उद्योग में उनके योगदान के लिए चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान यानी पद्म श्री से सम्मानित किया था। बता दें , केके 1963 में चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज से टाटा ग्रुप में भी शामिल हुए थे , उनकी पहली पोस्टिंग टाटा इंडस्ट्रीज में हुई थी और वहां से ही वे टाटा के कई संस्थाओं-टाटा ग्लोबल बेवरेजेज और टाटा संस में काम कई वर्षो तक किया था। इन्होने ने 1997 से 2002 तक इंडियन होटल्स कंपनी का नेतृत्व भी किया था।

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