नई दिल्लीः देश को पहली रैपिड ट्रेन की सौगात मिलने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को रैपिड रेल का उद्घाटन करेंगे। वह 20 अक्टूबर की सुबह साहिबाबाद में रैपिड ट्रेन को झंडा दिखाएंगे। साथ ही 12 बजे आवास विकास मैदान साहिबाबाद में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार यानी 12 अक्टूबर को गाजियाबाद के उन आयोजन स्थलों का जायजा भी लिया जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की पहली रैपिड रेल ट्रांजिट का उद्घाटन करेंगे।
पहले फेज में 17 किली लंबा रुट
जानकारी दें दे कि पहले फेज में दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को संचालित किया जाएगा। इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें से 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है जबकि 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) एनसीआर में इस क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का ऐसा नेटवर्क तैयार कर रहा है जिसे दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों के साथ जोड़ा जाएगा। ये अलवर, पानीपत और मेरठ जैसे अनेक शहरों को भी दिल्ली से जोड़ेगा।
पहले चरण के बाद इस प्रोजेक्ट को दुहाई से मेरठ तक बढ़ाया जाएगा। मेरठ साउथ तक दूसरे चरण में कार्य होगा, तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच कार्य संपन्न होगा। वर्ष 2025 में रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ती हुई नजर आएगी। यह यात्रा महज 55 मिनट में पूरा हो जाएगा।
180 किली की गती से चल सकती है रैपिड रेल
आरआरटीएस ट्रेनों को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने के लिए डिजाइन किया गया है। हालांकि, ये ट्रेनें पटरियों पर 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। यह ट्रेन 60 मिनट में 100 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है। 6 कोच वाली इस ट्रेन का लुक बिल्कुल बुलेट ट्रेन की तर्ज पर है। आरआरआरटीएस को उन यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो तेज गति और शांत तरीके से लंबी दूरी की यात्रा करना चाहते है।
पहले खंड में 5 स्टेशन
पहले चरण में रैपिड रेल साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो के बीच चलाई जाएगी। आरआरटीएस का प्राथमिक खंड देश की ऐसी पहली रेलवे सिस्टम है, जिसे 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम परिचालन गति पर पूरा सफर तय करने के लिए खोला जा रहा है। रैपिडएक्स, यात्रियों के लिए तेज़, सुरक्षित और आरामदायक रीजनल आवागमन सेवा प्रदान करेगा। दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बहुकेंद्रित और संतुलित विकास को सक्षम कर, रोजगार, व्यवसाय और शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराएगा। सार्वजनिक परिवहन के इस सस्टेनेबल साधन से भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है।
रैपिड रेल के फीचर्स
रैपिड ट्रेन के कोच में एडजस्ट होने वाली 2×2 की सीटें होंगी और यात्रियों के खड़े होने के लिए विशेष व्यवस्था होगी। इसके अलावा इन इन ट्रेनों में मुफ्त वाईफाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, सामान रखने की जगह, एक इंफोटेनमेंट सिस्टम और अन्य तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी। ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे। हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा, हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा। इसके अलावा प्रत्येक कोच में 10 – 10 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।
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