Raosaheb Danve Claims BJP Cleanses Leaders Before Induction: केंद्रीय मंत्री राव साहेब दानवे ने एक बयान में कहा है कि बीजेपी के पास खास वाशिंग मशीन है. पार्टी में जो शामिल होता है उसे जनता के सामने पेश करने से पहले उसके दाग धो दिए जाते हैं. राव साहेब दानवे महाराष्ट्र के मंत्री हैं और केंद्र में उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के राज्य मंत्री हैं. उन्होंने बिना किसी नेता का नाम लिए पार्टी में शामिल गुजरात के नेताओं को लेकर ये बयान दिया है.
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र भाजपा के पूर्व प्रमुख रावसाहेब दानवे ने कहा है कि उनकी पार्टी के पास खास वॉशिंग मशीन है, जो विपक्षी दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल करने से पहले उनकी सफाई करती है. पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिए बगैर, दानवे ने कहा कि पार्टी गुजरात का डिटर्जेंट पाउडर इस्तेमाल करती है ताकि उनके लिए अपना दरवाजा खोलने से पहले नेताओं को धोया जा सके. दरअसल मोदी और शाह दोनों गुजरात से हैं. उन्हें पार्टी में नंबर 1 और 2 माना जाता है.
दानवे ने कहा, भाजपा के पास वाशिंग मशीन है. पार्टी में किसी को लेने से पहले, हम उन्हें मशीन में धोते हैं. हमारे पास गुजरात का निरमा पाउडर है. बता दें कि रावसाहेब दानवे मोदी सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री हैं. वह लोकसभा में जालना निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. गुरुवार को औरंगाबाद डिवीजन के जालना में एक कार्यक्रम में बोलते हुए दानवे ने यह बात कही. इससे पहले मंगलवार को, उन्होंने दावा किया था कि विधानसभा चुनाव से पहले कम से कम 17 विपक्षी विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए संपर्क में थे.
Union Minister Raosaheb Danve Patil in Jalna, Maharashtra: BJP has a washing machine. Before taking anyone in the party, we wash them in the machine. We have the Nirma powder of Gujarat. (28.08.19) pic.twitter.com/WwGHvhEhbu
— ANI (@ANI) August 28, 2019
दानवे ने संकेत दिया कि पार्टी नेतृत्व के संपर्क में एनसीपी नेता पदमसिंह पाटिल के बेटे और उस्मानाबाद के विधायक रणजगजीतसिंह पाटिल भी शामिल हैं. उन्होंने यहां तक दावा किया कि हाल ही में चार विपक्षी विधायक उनसे भोकरदन में मिलेंगे, हालांकि उन्होंने नामों का खुलासा करने से इनकार कर दिया. महाराष्ट्र में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. बीजेपी और शिवसेना एक साथ चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, चुनाव पश्चिमी राज्य में कांग्रेस और राकांपा के लिए अस्तित्व की लड़ाई में बदल सकते हैं. नवंबर 2014 में भाजपा और शिवसेना के विधानसभा चुनाव हारने के बाद से कांग्रेस और राकांपा दोनों अपने कार्यकर्ताओं को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. भाजपा और शिवसेना ने 2014 में अकेले चुनाव लड़ा था और 122 सीटें और 63 सीटें जीती थीं. दोनों दल चुनावों के बाद एक हो गए.