Randeep Surjewala On Maharashtra President Rule: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने पर कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला ने राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर सीधा निशाना साधा है. सुरजेवाला ने ट्वीट कर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की निंदा की है. बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगा दिया है. शिवसेना ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के बाद राज्यपाल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
महाराष्ट्र. Randeep Surjewala On Maharashtra President Rule: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने पर कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला ने राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर सीधा निशाना साधा है. सुरजेवाला ने ट्वीट कर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की निंदा की है. बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगा दिया है. शिवसेना ने सरकार गठन करने के लिए समय न देने पर राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं कांग्रेस भी राज्य की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर के लोकतंत्र का अपमान किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का माखौल बनाया है. अपने दूसरे ट्वीट में रणदीप सुरजेवाला ने महाराष्ट्र में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए न्योता न देने पर राज्यपाल पर हमला बोला. सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस और एनसीपी दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन था लेकिन राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से नहीं पूछा.
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाना न केवल प्रजातंत्र से क्रूर मज़ाक़ है बल्कि सविंधान की परिपाटी को रौंदने वाला कुकृत्य है
गवर्नर व दिल्ली के हुक्मरानों ने महाराष्ट्र के पीड़ित किसान व आम व्यक्ति से घोर अन्याय किया है
सुप्रीम कोर्ट के मानकों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया
1/3 pic.twitter.com/xVcTTjoKZ7— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 12, 2019
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बोम्मई केस के मुताबिक़ अगर किसी पार्टी को बहुमत नही था तो गवर्नर के लिए ज़रूरी था कि संख्याबल में-1. चुनाव से पहले हुए सबसे बड़े प्री पोल गठबंधन को मौक़ा दें यानी भाजपा-शिव सेना;
फिर
2. चुनाव से पहले हुए दूसरे सबसे बड़े प्री पोल गठबंधन को मौक़ा दें यानी कांग्रेस-NCP;
फिर pic.twitter.com/iONQdRySTl
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 12, 2019
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3. गवर्नर ने हर पार्टी को अलग अलग बहूमत साबित करने का मौक़ा दिया तो फिर कांग्रेस को क्यों नही?और
4. बहुमत साबित करने की अलग-अलग समय सीमा क्यों?
भाजपा को 48 घंटे,
शिव सेना को 24 घंटे,
NCP को 24 घंटे भी नही,
और
कांग्रेस को 1 मिनट भी नही?यह निर्लज राजनीतिक बेईमानी है। pic.twitter.com/EwQbMYlkYJ
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 12, 2019
तीसरे ट्वीट में रणदीप सुरजेवाला ने एनसीपी को भी सरकार बनाने के लिए फोन न किए जाने पर निशाना साधा है. सुरजेवाला ने पूछा कि राज्यपाल ने सबी व्यक्तिगत पार्टियों को बुलाया लेकिन कांग्रेस को नहीं बुलाया ऐसा क्यों. इसके अलावा उन्होंने पार्टियों को दिए गए समय पर भी सवाल पूछा. सुरजेवाला ने ट्वीट में लिखा कि राष्ट्रपति शासन से पहले राज्यपाल ने पार्टियों को मनमाने तौर पर सरकार गठन के लिए समय दिया. बीजेपी को 48 घंटे, शिवसेना को 24 घंटे और एनसीपी को 24 घंटे भी नहीं.
बता दें कि शिवसेना ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के बाद राज्यपाल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. शिवसेना ने अपनी याचिका कहा है कि राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए अपनी क्षमता साबित करने को दिया गया समय नहीं बढ़ाया. शिवसेना की तरफ से एडवोकेट सुनील फर्नांडीज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. राष्ट्रपति शासन के बाद महाराष्ट्र की सियासत गर्म हो गई है. कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी राज्यपाल की राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की निंदा की है.