लखनऊ: पिछले कुछ दिनों से हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. सबसे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का इसपर बवाली बयान सामने आया था. जिसके बाद कर्नाटक के रिटायर्ड प्रोफेसर ने और फिर समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस को लेकर ऐसा […]
लखनऊ: पिछले कुछ दिनों से हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. सबसे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का इसपर बवाली बयान सामने आया था. जिसके बाद कर्नाटक के रिटायर्ड प्रोफेसर ने और फिर समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस को लेकर ऐसा बयान दिया जिससे बवाल शुरू हो गया है.
देश भर में भाजपा समेत कई पार्टियों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर समाजवादी पार्टी को घेरती नज़र आ रही हैं. दूसरी ओर कई सपा नेता भी उनका विरोध करते दिखाई दे रहे हैं. इस बीच लखनऊ से एक ऐसी तस्वीर सामने आ रही है जहां बीच सड़क पर कुछ लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन किया है. इतना ही नहीं इन लोगों ने रोड़ पर ही रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई हैं। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतरने वाले अखिल भारतीय ओबीसी महासभा से हैं. रविवार को यह वीडियो जारी किया गया है. वीडियो लखनऊ स्थित वृंदावन योजना का बताया जा रहा है. जहां महासभा के लोगों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई हैं. इस दौरान महासभा की ओर से विवादित अंश की प्रतियों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया.
लखनऊ के वृंदावन योजना में जलाई गई रामचरितमानस की प्रतियाँ। @SwamiPMaurya के समर्थन में उतरा अखिल भारतीय ओबीसी महासभा। रामचरितमानस की विवादित अंश की प्रतियों को जलाकर किया विरोध प्रदर्शन। pic.twitter.com/KPi7ee5cAc
— SANJAY TRIPATHI (@sanjayjourno) January 29, 2023
(वीडियो सोर्स- संजय त्रिपाठी ट्विटर)
महासभा के लोगों ने विरोध जताया है और कहा है कि ‘इसमें जो नारी शक्ति, शुद्रओं, दलित समाज और ओबीसी समाज के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां हैं, हम चाहते हैं कि उन टिप्पणियों को इससे निकाला जाए. यदि ऐसा नहीं होता तो जगह-जगह इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.’ महासभा के लोगों ने आगे कहा कि “15 फीसदी समाज 85 फीसदी समाज को बेवकूफ बनाकर पीछे करना चाहता है. ग्रंथ में सर्व समाज को बेवकूफ बनाया गया है.”
अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया है कि उन्होंने न तो भगवान राम का अपमान किया और ना ही रामचरितमानस का अपमान किया. उनका कहना है कि, ‘हमें कुछ चौपाइयों पर आपत्ति है.’ स्वामी प्रसाद ने बताया कि उन्होंने किसी ग्रंथ या भगवान के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है. बल्कि उन्हें तो रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों से आपत्ति हैं. हालांकि उन्होंने ये भी साफ़ किया कि वह अभी भी अपने बयान पर कायम हैं. उन्हें बस उन चौपाइयों पर आपत्ति है जिसमें दलितों और पिछड़ों को अपमानित किया गया है. उनकी मांग है कि रामचरितमानस के उस अंश को निकाल दिया जाए.
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