Rambhadracharya:इंदिरा गांधी ने दिया था रामभद्राचार्य को आंख बनवाने का प्रस्ताव, आखिर क्यों किया था उन्होंने मना ?

नई दिल्लीः अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ गई है। इसको लेकर तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है। वहीं अब इन सभी मुद्दों पर श्रीतुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु राभद्राचार्या ने अपनी बात रखी है। इन दौरान उन्होंने खुलासा किया कि इंदिरा गांधी ने उन्हें आंख बनवाने का प्रस्ताव दिया था। साथ ही उन्होंने बताया है कि क्यों उन्होंने इंदिरा गांधी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उन्होंने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कहा कि जैसे प्रतिक्षा एक माली को अपनी वृक्ष में फल और फूल लगते देखने की इच्छा होती है, उसी प्रकार मैं भी प्रतिक्षा कर रहा हूं।

मुलायम की सरकार में हुआ नरसंहार

उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह ने कहा था कि एक परिंदा भी यहां पर नही मार सकेगा। उस समय मुलायम सिंह और विश्वनाथ प्रताप सिंह ने नरसंहार करवाया, वो कभी नहीं भूलेंगे। कोठारी बंधुआ का तो सर्वनाश हो गया है। हमारे सामने उनके दो बच्चे एक 18 साल का और एक 20 साल का दोनों को घर से निकालकर गोली मारी गई। हम लोगों ने वह सब देखा और 6 दिसंबर 1992 को हमने 5 घंटे के अंदर उस ढ़ाचे को ढहाकर, भारत माता को निष्कलंक किया।

क्यों नहीं बनवाया आंख

स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मुझे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1974 में प्रस्ताव दिया था कि वो मेरी आंखे बनवा सकती हैं लेकिन मैंने मना कर दिया था। मैंने कहा कि ये संसार देखने लायक नहीं रह गया है। अगर देखने योग्य कोई है तो वह नील-कमल-श्याम-भगवान राम ही देखने लायक हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान कठोर यातनाएं सही, जेल गए, पुलिस के डंडे सहे। पुलिस का डंडा ऐसा लगा कि मेरी दाहिनी कलाई ढ़ेडी हो गई लेकिन भगवान राम की कृपा से भगवान ने अपने अपमान का बदला सरकार से ले लिया।

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