नई दिल्ली: भारत समेत दुनिया भर में इन दिनों इस्लाम धर्म का पाक महीना रमजान चल रहा है. इस महीने में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखते हैं. रमजान का महीना 29 या 30 दिनों तक होता है. यह पूरी तरह से चांद पर निर्भर करता है। खाड़ी देशों और पश्चिमी मुल्कों में रमजान की शुरुआत भारत की तुलना में 1 दिन पहले ही हो जाती है. आज देशभर में रमजान का 22वां रोजा रखा गया है. रमजान के महीने में रोजदारों के बीच खासा उत्साह देखने को मिलता है. सुबह के वक्त लोगों ने सहरी खाकर रोजे की नीयत की। इसके बाद सभी ने फजर की नमाज अदा की. अब सभी लोगों को शाम के वक्त का इंतजार है जब सभी इफ्तार करेंगे।
रमजान के इस महीने को पाक महीने के तौर पर जाना जाता है यही वजह है कि इस महीने लोग खूब इबादत करते हैं. रोजदार सहरी के साथ रोजे की शुरुआत करते हैं और इफ्तार के साथ इसे खत्म करते है. रोजा रखने के दौरान वह कुरान की तिलावत करते है और अल्लाह की इबादत करते हैं. मुस्लिम धर्म से जुड़े लोग इस महीने का पूरा वक्त इबादत में गुजार देते है, शांति और खुद को बुरे कामों से दूर रखते है और नेकी भर कामों को करते है. इस महीने में लोग बढ़-चढ़कर दान भी करते है. गरीबों और जरूरतमंदों की मदद की जाती है, जकात और फितरा के रूप में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद की जाती है।
देशभर में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते लोगों से कहा जा रहा है कि वह ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिए। लेकिन रोजेदारों के लिए रोजा रखने की वजह से ऐसा करना मुश्किल होता है, इस वजह से उन्हें सलाह दी जाती है कि वह शहरी और इफ्तार के समय में फलों और जूस का सेवन करें जो उनके शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखें। वहीं अब रमजान महीने का आखिरी अशरा चल रहा है। इस वजह से अब सहरी और इफ्तार के साथ-साथ ईद की तैयरियों ने भी जोर पकड़ लिया है। रमजान का महीना पूरा होने के बाद ईद का त्यौहार मनाया जाता है. इसे मीठी दिया ईद उल फितर कहा जाता है।