Ramadan 2019 Iftar Sehri Time Table: इस्लाम का पवित्र महीना रमजान 2019 का पहला रोजा भारत में 7 मई को रखा जाएगा. मुस्लिम कमेटियों की ओर से मिली जानकारी के अनुसार 5 मई रविवार को रमजान का चांद नहीं नजर आया है. ऐसे में माना जा रहा है कि 6 मई सोमवार को रमजान का चांद नजर आ सकता है. जानिए इफ्तार और सेहरी का टाइम टेबल.
नई दिल्ली. इस्लाम के पवित्र माह रमजान उल मुबारक 2019 का पहला रोजा भारत में 7 मई को रखा जाएगा. दरअसल रविवार 5 मई को भारत में रमजान का चांद नहीं नजर आया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि रमजान 2019 का चांद सोमवार 6 मई को देखा जाएगा. वहीं सऊदी अरब यूएई में रमजान का मुबारक चांद नजर आ गया है और सोमवार को पहली सेहरी और इफ्तार किया जाएगा. इस्लाम का नौंवा महीना रमजान बरकत और मगफिरत का महीना है. रमजान के पूरा होने पर ईद 2019 का त्योहार मनाया जाएगा. मुस्लिम समुदाय के लोग इस पूरे महीने रोजा (व्रत) करते हैं और भूखे-प्यासे खुदा की इबादत करते हैं.
रोजा रखने की शुरुआत सुबह सेहरी से की जाती है. सेहरी यानी दिन निकलने से पहले रोजे रखने वाला व्यक्ति अपने इच्छा के अनुसार कुछ खा पीकर दुआ पढ़ता है और उसका रोजा शुरु हो जाता है. वहीं इफ्तार शाम के समय की जाती है जिसका अर्थ है व्रत खोलना. शाम के समय मुस्लिम रोजेदार लोग एक साथ बैठकर आमतौर पर खजूर और पानी से अपना रोजा खोलते हैं. रमजान के महीने में सहरी और इफ्तार का समय हर रोज कुछ मिनट आगे पीछे होता. नीचे देखिए पूरे रमजान महीने सेहरी और इफ्तार का टाइम टेबल.
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रमजान के पवित्र महीने की खास बात
रमजान के पाक महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सच्चे दिल से रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं. पांचों समय की नमाज अदा करते हैं. इसके साथ ही रमजान के पवित्र महीने में कुरान शरीफ पढ़ने का काफी खास महत्व माना जाता है. इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान माह में पाक किताब कुरान की तिलावत करते हैं.
जानिए क्या है तरावीह नमाज
रमजान के पवित्र महीने में मस्जिदों में रात में होने वाली ईशा की नमाज के तुरंत बाद तरावीह नमाज का आयोजन भी किया जाता है. तरावीह की नमाज के जरिए कुरान शरीफ की आयतों की तिलावत की जाती है. ऐसे में जो लोग कुरान पाक पढ़ने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं या पढ़ नहीं सकते हैं तो वे तरावीह की नमाज में पूरे कुरान की सुन सकते हैं. तरावीह की नमाज अलग-अलग मस्जिदों में अलग-अलग अवधि में पूरी की जाती है.
जैसे कई मस्जिदों में 3 दिन में कुरान शरीफ पूरा किया जाता है तो कई मस्जिदों में कुरान पूरा करने के लिए 27 दिनों का समय लिया जाता है. कुरान पूरा होने के बाद खुशी में पवित्र ग्रंथ सुनाने वाले मस्जिद के पेश इमाम को खूब सारे तोहफे और धन दिया जाता है.