नई दिल्लीः शिवसेना ( उद्धव गुट ) प्रमुख उद्धव ठाकरे को 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता नहीं मिला है। ऐसे में उन्होंने 22 जनवरी के लिए अपनी योजना तैयार कर ली है। बता दें कि 22 जनवरी को ठाकरे नासिक के कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी […]
नई दिल्लीः शिवसेना ( उद्धव गुट ) प्रमुख उद्धव ठाकरे को 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता नहीं मिला है। ऐसे में उन्होंने 22 जनवरी के लिए अपनी योजना तैयार कर ली है। बता दें कि 22 जनवरी को ठाकरे नासिक के कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी के किनारे महाआरती करेंगे। यह बातें खुद उद्धव ठाकरे ने शनिवार यानी 6 दिसंबर को कही।
अपनी माता स्वर्गीय मीना ठाकरे को उनकी जयंती पर श्रद्धाजंली अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी मन होगा अयोध्या जाएंगे। बता दें कि 23 जनवरी को शिवसेना संस्थापक दिगंवत बाल ठाकरे की जयंती पर पार्टी नासिक में एक रैली आयोजित करेगी। उन्होंने कहा कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता नहीं मिला है। ठाकरे ने कहा कि अयोध्या जान के लिए किसी के बुलाने की आवश्यकता नहीं है, रामलला सभी के हैं। जब भी मेरा मन होगा, मैं जाऊंगा।
नासिक के पंचवटी में बने कालाराम मंदिर भगवान के प्रति समर्पित है। मंदिर का नाम काले पत्थर से बनी भगवान राम की मूर्ती पर रखा गया है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम अपने वनवास के दौरान पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पंचवटी में रुके थे। साल 1930 में कालाराम मंदिर में दलितों के प्रवेश को लेकर बाबा साहब भीमराम अंबेडकर ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
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