नई दिल्ली। अयोध्या के राम मंदिर(Ram Mandir) में कल यानी 22 जनवरी 2024 (सोमवार) को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की सारी तैयरियां पूरी हो चुकी हैं। बता दें कि शुभ मुहूर्त में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम(Ram Mandir) की मूर्ति की तस्वीरें सामने आई, जिसमें उनका […]
नई दिल्ली। अयोध्या के राम मंदिर(Ram Mandir) में कल यानी 22 जनवरी 2024 (सोमवार) को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की सारी तैयरियां पूरी हो चुकी हैं। बता दें कि शुभ मुहूर्त में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम(Ram Mandir) की मूर्ति की तस्वीरें सामने आई, जिसमें उनका बाल स्वरूप, श्यामल पत्थर से तैयार दिखाई दे रहा है। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहा है कि आखिर रामलला की मूर्ति काली या श्यामल क्यों है।
दरअसल, रामलला की मूर्ति शिला पत्थर से निर्मित है। इस काले पत्थर को कृष्ण शिला भी कहते हैं। इस कारण से भी रामलला की मूर्ति श्यामल है। जिस पत्थर से रामलला की मूर्ति(Ram Mandir) का निर्माण हुआ है, उसके कई गुण हैं। यह पत्थर कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण है।
प्रभु रामलला की मूर्ति के निर्माण में शिला पत्थर का इस्तेमाल करने के पीछे एक वजह यह भी है कि जब रामलला का दूध से अभिषेक किया जाएगा, तो दूध के गुण में पत्थर की वजह से कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही उस दूध का उपभोग करने पर स्वास्थ्य पर कोई गलत असर नहीं पड़ता है। ये हजार से भी अधिक वर्षों तक यूं ही रह सकता है, इसमें किसी प्रकार को कोई बदलाव नहीं होगा।
वहीं वाल्मीकि रामायण में भी भगवान राम के स्वरूप को श्याम वर्ण में ही वर्णित किया गया है। इसलिए, इस कारण भी रामलला की मूर्ति का रंग श्यामल है और रामलला का श्यामल रूप में ही पूजन होता है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के अनुसार, भगवान श्री रामलला की मूर्ति, पांच वर्ष के बालक का स्वरूप है। उन्होंने बताया कि मूर्ति 51 इंच की है और रामलला की मूर्ति का निर्माण काले पत्थर से किया गया है। साथ ही रामलला की मूर्ति में भगवान के कई अवतारों को दर्शाया गया है।
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भगवान श्री राम की मूर्ति स्थपना से पहले, उसकी एक झलक देखने को मिली। जिसमें प्रतिमा के ऊपरी हिस्से की तो स्वास्तिक चिन्ह, ऊँ का चिन्ह, चक्र, गदा और भगवान सूर्य को दर्शाया गया है। इसके साथ ही मूर्ति के दाहिने ओर भगवान राम के मत्सय, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन अवतार को दिखाया गया है। वहीं बाएं तरफ परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि अवतार को दर्शाया गया है। इसके अलावा भगवान राम को कमल के फूल पर सवार किया गया है।