Ram Mandir: रामलला की मूर्ति में 15 किलो सोना, 18 हजार हीरे और पन्ने, 12 दिन में ऐसे बनकर तैयार हुई प्रतिमा

नई दिल्ली: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही 500 वर्षों का इंतजार खत्म हो गया है। दुनियाभर के करोड़ों भक्त इस पल का वर्षों से इंतजार कर रहे थे। वहीं रामलला के आभूषणों का निर्माण श्रीमद् वाल्मीकि रामायण,अध्यात्म रामायण, श्रीरामचरितमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन […]

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Ram Mandir: रामलला की मूर्ति में 15 किलो सोना, 18 हजार हीरे और पन्ने, 12 दिन में ऐसे बनकर तैयार हुई प्रतिमा

Janhvi Srivastav

  • January 24, 2024 9:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही 500 वर्षों का इंतजार खत्म हो गया है। दुनियाभर के करोड़ों भक्त इस पल का वर्षों से इंतजार कर रहे थे। वहीं रामलला के आभूषणों का निर्माण श्रीमद् वाल्मीकि रामायण,अध्यात्म रामायण, श्रीरामचरितमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और गहरे अध्ययन के बाद किया गया है। भगवान राम के आभूषणों को बनाने में 15 किलो सोना और करीब 18 हजार पन्ना और हीरे का इस्तेमाल किया गया है। मुकुट, 4 हार, कमरबंद, तिलक, दो जोड़ी पायल, विजय माला, दो अंगूठी समेत(Ram Mandir) कुल 14 आभूषण तैयार कराए गए हैं और ये आभूषण सिर्फ 12 दिन में बनकर तैयार हुए हैं।

आभूषण को लखनऊ के ज्वैलर ने किया तैयार

जानकारी दे दें कि इन आभूषणों को तैयार करने की जिम्मेदारी लखनऊ के हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स को सौंपी गई थी। सूचना के मुताबिक ज्वैलर से करीब 15 दिन पहले श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने संपर्क किया था। राजसी शक्ति का प्रतीक पन्ना को मुकुट के केंद्र में लगाया गया है। बता दें कि भगवान राम के मुकुट में सबसे पहले भगवान सूर्य का चिह्न बनाया गया क्योंकि भगवान राम सूर्यवंशी थे। इस दौरान भगवान राम के मुकुट को राजा के बजाए एक 5 साल के बालक की पगड़ी के तौर पर तैयार किया गया है।

मुकुट बनाने के थे ये निर्देश

भगवान के मुकुट में उत्तर प्रदेश के राजकीय चिह्न मछली और राष्ट्रीय पक्षी मोर को भी बनाया गया। दरअसल, जब ज्वैलर को ट्रस्ट ने भगवान का मुकुट बनाने के लिए आमंत्रित किया तो उनसे ट्रस्ट ने शर्त रखी थी कि मुकुट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि भगवान राम एक 5.5 साल के बालक हैं। इसी कारण जैसे 5.5 साल तक के बालक की वेशभूषा और आभूषण होते हैं वैसा ही मुकुट होना चाहिए।

ये हैं रामलला के आभूषणों की विशेषता-

मुकुट

प्रभु का मुकुट 1 किलो 700 ग्राम के सोने का बनाया गया है। जिसमें लगभग 175 कैरेट पन्ना, 75 कैरेट डायमंड, लगभग 262 कैरेट रूब, माणिक्य लगाया गया है और मुकुट के बीच भगवान राम के सूर्यवंश के प्रतीक भगवान सूर्य का चिन्ह बनाया गया। बता दें कि मुकुट में लगाए गए हीरे शुद्ध और सैकड़ों साल पुराने हैं जो पवित्रता और सत्यता का प्रतीक हैं। भगवान राम के मुकुट के पीछे का भाग 22 कैरेट सोने का बनाया गया है और करीब 500 ग्राम वजन का है।

तिलक

भगवान राम का तिलक 16 ग्राम सोने का है और इसके मध्य में तीन कैरेट हीरे और दोनों तरफ करीब 10 कैरेट के हीरे लगाए गए हैं। वहीं तिलक के बिच में जो माणिक्य इस्तेमाल हुआ है वह रूब बर्मी माणिक्य है।

अंगूठी है पन्ना की

रानलला को एक पन्ना की अंगूठी भी पहनाई गई है। इस अंगूठी का वजन 65 ग्राम है और इसमें 4 कैरेट हीरे और 33 कैरेट पन्ना लगाया गया है। वहीं अंगूठी के मध्य में गहरे हरे रंग का जांबियन पन्ना लगाया गया है, जो कि भगवान के सौहार्द्र, वन गमन, और भगवान राम की बुद्धिमता का प्रतीक है।

माणिक्य की अंगूठी

इसके अलावा भगवान के दाहिने हाथ(RIGHT HAND) में 26 ग्राम सोने की माणिक्य की अंगूठी है। इस अंगूठी में माणिक्य के साथ-साथ हीरे भी लगे हैं।

छोटा हार

प्रभु के गले में लगभग 500 ग्राम का सोने का हार है और इस हार में लगभग 150 कैरेट माणिक्य और 380 कैरेट पन्ना लगाए गए हैं। वहीं हार के बीच में सूर्यवंश का चिन्ह और जिसने माणिक्य , पन्ना और हीरे से फूलों को बनाया गया।

पंचलडा

वहीं भगवान का दूसरा हार पंचलड़ा है। यह हार 660 ग्राम है। इस हार में करीब 80 हीरे, 550 कैरेट लगभग पन्ना लगाए गए है और हार में पांच लडिया पंच तत्व को दिखाती है।

विजय माला

गौरतलब है कि भगवान राम लला के गले में सबसे बड़ा हार विजयमाला है। इस माला का वजन करीब 2 किलो है जो 22 कैरेट सोने से बना है और भगवान की विजय माला में हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्नों को दर्शाया गया है। इन पंच पवित्र पुष्प कुंड, कमल, चंपा, पारिजात और तुलसी जो पंचभूत और भगवान राम के प्रकृति प्रेम को बताते हैं, इन्हें हार के बिच में बनाया गया है। जानकारी दे दें कि इसके साथी शंख चक्र को भी इस हार में दर्शाया गया है और हार की लंबाई ऐसी राखी आई है कि वो भगवान राम के चरणों को छू रहा है, जो कि उनके चरणों में भक्ति और मानव कल्याण को दर्शाता है।

कमरबंद

प्रभु के 5.5 के साल के बाल रूप की कमर को सजाने के लिए 750 ग्राम सोने का कमरबंद बना है। इस कमरबंद में 70 कैरेट हीरे और करीब 850 कैरेट पन्ना, माणिक्य लगाए गए हैं। बता दें कि पौराणिक काल से ही कमरबंद राजसी कुंवर का आभूषण होता रहा है, जो कि राजसी वैभव को भी दिखाता है।

बाजू बंद

भगवान राम के बाजुओं के लिए 22 कैरेट गोल्ड के 400 ग्राम के बाजूबंद बनाया गया है।

कंगन

प्रभु के नन्हे हाथों में 850 ग्राम के दो कंगन पहनाए गए हैं। जिस कंगन में करीब 100 हीरे और 320 पन्ना माणिक्य लगे हैं।

पग खडुआ

प्रभु के नन्हे पैरों के लिए 400 ग्राम सोने के 55 कैरेट हीरे, 50 कैरेट पन्ना आदि जड़ित खडुआ को बनाया गया है।

चांदी के खिलौने

भगवान राम 5.5 साल के बालक के रूप को ध्यान में रखते हुए, उनके लिए खिलौने भी बनाए गए हैं। इन खिलौनों में चांदी का घोड़ा हाथी ऊंट झुनझुना शामिल है।

धनुष बाण

भगवान राम, बाल रूप है लेकिन है धनुर्धारी भी थे, तो भगवान(Ram Mandir) राम के धनुष बाण 24 कैरेट के 1 किलो सोने के धनुष बाण बनाए गए हैं।

इन तरीको से तैयार हुए रामलला के वस्त्र

आपको बता दें कि रामलला पर बनारसी वस्त्र के पीताम्बर धोती तथा लाल रंग के अंगवस्त्रम /पटुके में सुशोभित हैं। इन वस्त्रों पर शुद्ध स्वर्ण की जरी और तारों से काम किया गया है। जिन वस्त्रों में वैष्णव मंगल चिन्ह- शंख, चक्र पद्म और मयूर अंकित हैं और इन वस्त्रों का निर्माण श्रीअयोध्या धाम में रहकर दिल्ली के वस्त्र निर्माता मनीष त्रिपाठी ने किया है।

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