Ram Mandir: कोलकाता में ममता बनर्जी ने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद सद्भाव रैली की

नई दिल्ली: अयोध्या नगरी के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान आज पूरा हो गया। 500 साल के लंबे इंतजार के बाद आज भगवान राम अपने घर लौट आए हैं। इस दौरान(Ram Mandir) प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद कोलकाता में ममता बनर्जी ने निकाली सद्भाव रैली। धर्मनिरेपक्षता हमारे देश को जोड़ती […]

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Ram Mandir: कोलकाता में ममता बनर्जी ने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद सद्भाव रैली की

Janhvi Srivastav

  • January 22, 2024 4:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: अयोध्या नगरी के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान आज पूरा हो गया। 500 साल के लंबे इंतजार के बाद आज भगवान राम अपने घर लौट आए हैं। इस दौरान(Ram Mandir) प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद कोलकाता में ममता बनर्जी ने निकाली सद्भाव रैली।

धर्मनिरेपक्षता हमारे देश को जोड़ती है: ममता बनर्जी

बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी चीफ ममता बनर्जी ने निकाली सद्भाव रैली। इस दौरान उनकी इस रैली में हजारों लोग शामिल हुए। ममता बनर्जी ने कहा कि धर्मनिरेपक्षता हमारे देश को जोड़ती है। जानकारी दे दें कि ममता बनर्जी ने रैली से पहले कालीघाट मंदिर(Ram Mandir) में पूजा, अर्चना की थी और इस रैली का समापन पार्क सर्कस मैदान में एक विशाल सभा के साथ होगा।

ऊर्जा को जन्म दे रहा है- पीएम

राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वो भी एक समय था जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए। इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के धैर्य, शांति आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। हम सब देख रहे हैं कि ये निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है।

क्रीम कुर्ते – सफेद धोती में नजर आए पीएम

अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी जब मंदिर परिसर पहुंचे तो वहां पर उनकी ग्रैंड एंट्री हुई। मंदिर में उपस्थित मेहमानों ने उनका स्वागत तालियां बजाकर किया। इस दौरान क्रीम कलर के कुर्ते में सफेद धोती और पटका पहनकर आए और पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ में एक खास भेंट(Ram Mandir Pran Prathistha) (चांदी का छत्र) भी थी, जिसे लेकर वह मंदिर के गर्भगृह पहुंचे।


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