Ram Mandir Land Scam: अयोध्या में जमीन विवाद का मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा है। अयोध्या में पिछले कई महीनों से राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. हाल ही में सपा, आम आदमी पार्टी समेत यूपी की विपक्षी पार्टियों ने जमीन से जुड़े कुछ घोटालों के आरोप लगाए हैं।
Ram Mandir Land Scam: अयोध्या में जमीन विवाद का मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा है। अयोध्या में पिछले कई महीनों से राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. हाल ही में सपा, आम आदमी पार्टी समेत यूपी की विपक्षी पार्टियों ने जमीन से जुड़े कुछ घोटालों के आरोप लगाए हैं।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक अयोध्या में जिस जगह पर श्रीराम मंदिर बन रहा है, उससे लगभग 300 मीटर की दूरी पर कोट रामचंदर इलाके की वह जमीन है, जिसे श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ढाई करोड़ रुपये में खरीदी है। विपक्ष ने इस जमीन को लेकर भी आरोप लगाए हैं। ‘आजतक’ के पास जो जमीन की रजिस्ट्री के कागजात मौजूद हैं, उसके मुताबिक अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भांजे दीपनारायण उपाध्याय ने यह जमीन देवेंद्र प्रसादचार्य से 20 लाख रुपये में खरीदी और इसी जमीन को ट्रस्ट को ढाई करोड़ रुपये में बेच दी।
‘आजतक’ की तहकीकात में खुलासा हुआ है कि यह जमीन सरकारी है और इसे तब तक बेचा नहीं जा सकता, जब तक यह जमीन फ्री-होल्ड न हो जाए। खुफिया कैमरे पर इस बात की तस्दीक अयोध्या के सब-रजिस्ट्रार एस. बी. सिंह ने भी की है। उन्होंने कहा, ”नजूल जमीन सरकारी होती है. इसलिए इसे बेचा नहीं जा सकता जब तक कि यह फ्री-होल्ड न हो जाए. आप उसको इंजॉय कर सकते हैं, लेकिन इस पर मालिकाना हक नहीं जता सकते. सड़क किनारे भी नजूल जमीन में ढाबे बने होते हैं, लेकिन जब भी जरूरत होती है तो उसे गिरा दिया जाता है। इसलिए नजूल जमीन की या किसी जमीन की रजिस्ट्री तो हो जाएगी, क्योंकि हमारी जिम्मेदारी लेखपत्र की नहीं होती, लेकिन नजूल की सरकारी जमीन पर खरीदने वाले का मालिकाना हक नहीं होगा, जब तक कि जमीन खारिज-दाखिल न हो जाए।”
सरकारी और विवादित जमीन की खरीद-फरोख्त के इस पूरे खेल की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हरीश पाठक उर्फ हरिदास है. कहने को तो यह पुलिस के रिकॉर्ड में फरार है, लेकिन फरारी के बाद भी इसका रजिस्ट्री ऑफिस आना-जाना लगातार बना हुआ है। करोड़ों की जमीन-खरीदना बेचना आम बात है। पड़ताल में खुलासा हुआ है कि ट्रस्ट द्वारा खरीदी हर जमीन में कहीं-न-कहीं अयोध्या के इस भूमि माफिया के तार जरूर जुड़े हुए हैं।