अयोध्या। राम मंदिर के निर्माण का कार्य तेजी से बढ़ रहा है जिसमें जल्द ही मूर्ति स्थापना होनी है। इसके निर्माण के लिए कई बड़े कलाकारों की एक टीम बनाई गई है। जिसमे मैसूर के प्रख्यात मूर्तिकार व कलाकार अरुण योगिराज का भी नाम है। भगवान राम की मूर्ति के निर्माण के लिए कर्नाटक से […]
अयोध्या। राम मंदिर के निर्माण का कार्य तेजी से बढ़ रहा है जिसमें जल्द ही मूर्ति स्थापना होनी है। इसके निर्माण के लिए कई बड़े कलाकारों की एक टीम बनाई गई है। जिसमे मैसूर के प्रख्यात मूर्तिकार व कलाकार अरुण योगिराज का भी नाम है। भगवान राम की मूर्ति के निर्माण के लिए कर्नाटक से श्याम शिला मंगाई गयी है।
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का कार्य तेजी से चल रहा है और कोशिश की जा रही है कि मंदिर के भूतल का निर्माण इसी वर्ष के आखिर तक कर दिया जाए। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगले वर्ष के पहले ही महीने में भगवान राम की मूर्ति स्थापना का शुभ-मुहूर्त निकाला गया है। विद्वानों में जनवरी 2024 में तिथि निर्धारित करने की बात हो रही है।इसी दिन सूर्य के उत्तरायण होते ही मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा कराई जाएगी।
भगवान राम की मूर्ति को खड़ी मुद्रा में निर्मित होनी है जिसकी ऊंचाई 52 इंच तय की गई है। रामलला की मूर्ति 5 वर्ष के आयु की बनाई जाएगी। मूर्ति निर्मित करने के लिए पद्म विभूषण सुदर्शन साहू एवं रामवी शुतार जैसे प्रख्यात मूर्तिकारों के नाम पर विचार हो रहा है।
भगवान राम की मूर्ति निर्माण के लिए जो टीम बनाई जानी है उन्ही मेंशामिल है मैसूर के प्रख्यात मूर्तिकार अरुण योगिराज का नाम। जिन्होंने विगत वर्षों में ऐसी मूर्तियों का निर्माण किया है जो काफी चर्चित रही हैं। जिसमें शंकराचार्य तथा दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थापित नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 28 फीट ऊंची प्रतिमा केदारनाथ में पांच नवंबर 2021 को लोकार्पित आदि शामिल है। इन्होने ने ही मूर्ति निर्माण के लिए श्याम शिला का चयन किया है।
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