नई दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठान के लिए धन्यवाद कहा है। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि सौभाग्य से […]
नई दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठान के लिए धन्यवाद कहा है। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि सौभाग्य से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठान देखने का अवसर मिला।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पीएम मोदी को पत्र के जरिए लिखा कि आदरणीय श्री नरेंद्र भाई मोदी जी, अयोध्या धाम में नए मंदिर में प्रभु श्री राम की जन्म-स्थली पर स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आप विधिवत तपश्चर्या कर रहे हैं। इस अवसर पर, मेरा ध्यान इस महत्वपूर्ण तथ्य पर है कि उस पावन परिसर में, आपके द्वारा सम्पन्न की जाने वाली अर्चना से हमारी अद्वितीय सभ्यतागत यात्रा का एक ऐतिहासिक चरण पूरा होगा।
आपके द्वारा किया गया 11 दिवसीय कठिन अनुष्ठान, पवित्र धार्मिक पद्धतियों का अनुसरण मात्र नहीं है बल्कि त्याग की भावना से प्रेरित सर्वोच्च आध्यात्मिक कर्म है और भगवान श्री राम के प्रति सम्पूर्ण समर्पण का आदर्श है।
राष्ट्रपति ने लिखा कि आपकी अयोध्या धाम की यात्रा के इस पावन अवसर पर मैं आपको अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं। अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के शुभारंभ से जुड़े देशव्यापी उत्सवों के वातावरण में, भारत की चिरंतन आत्मा की उन्मुक्त अभिव्यक्ति दिखाई देती है। यह हम सभी के लिए गर्व कि बात है कि हम सब अपने देश के पुनरुत्थान के एक नए काल-चक्र के शुभारम्भ के साक्षी बन रहे हैं।
राष्ट्रपति ने आगे लिखा कि प्रभु श्री राम द्वारा साहस, करुणा और अटूट कर्तव्यनिष्ठा जैसे जिन सार्वभौमिक मूल्यों की प्रतिष्ठा की गई थी उन्हें इस भव्य मंदिर के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा। प्रभु श्री राम हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के सर्वोत्तम आयामों के चिन्ह हैं। वे बुराई के विरुद्ध निरंतर युद्धरत अच्छाई का आदर्श प्रस्तुत करते रहते हैं। हमारे राष्ट्रीय इतिहास के अनेक अध्याय, प्रभु श्री राम के जीवन चरित और सिद्धांतों से प्रभावित रहे हैं और राम-कथा के आदर्शों से राष्ट्र-निर्माताओं को प्रेरणा मिली है।